नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला मामले में घिरे लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है. आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई.
चार्जशीट में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और अन्य सहित कुल 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि रेलवे अधिकारियों द्वारा जमीन के बदले में उम्मीदवारों को अनुचित तरीके से जल्दबाजी में नौकरी दी गई. जिसके बदले इन लोगों ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और अन्य के नाम पर जमीन लिखी थी.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज गीतांजलि गोयल के समक्ष आज शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. हालांकि जज के छुट्टी पर होने के कारण चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सका.
सीबीआई ने इसी साल अगस्त में आरजेडी से जुड़े लोगों और लालू प्रसाद यादव के परिवार के तमाम ठिकानों पर छापेमारी की थी. बिहार, दिल्ली औऱ हरियाणा के 25 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी. इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव समेत उन 12 लोगों को भी आरोपी बनाया है जिन्होंने कथित तौर पर लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी ली.
नौकरी के बदले जमीन कांड क्या है?
जानकारी के मुताबिक पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम है. दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं. तीसरी सेल डीड 2015 की है जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है. इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया. पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है. जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया. दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया.
एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम किया गया जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लाट दिया गया. बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं. गौर करने की बात ये है कि जिन लोगों ने या जिनके परिवार वालों ने लालू के परिवार वालों को ये जमीनें दीं, उन सबको लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी दी गई.