केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के निजी सचिव से पूछताछ की. उनके सचिव से ये पूछताछ नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले को लेकर की गई है. सीबीआई लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए इस कथित घोटाले की जांच कर रही है.
सीबीआई के अधिकारियों ने जानकारी दी कि संजय यादव को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. शनिवार को उनसे पूछताछ की गई. संजय यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव हैं. संजय यादव से सीबीआई ने ये पूछताछ ऐसे वक्त की है, जब एक दिन पहले ही उसने इस मामले में तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव, मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती को नामजद किया है.
संजय यादव तब भी तेजस्वी यादव के निजी सचिव थे, जब वो 2015 में पहली बार बिहार के उपमुख्यमंत्री बने थे. संजय यादव को सीबीआई ने पहले भी समन किया था, लेकिन इसके खिलाफ वो दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे.
नौकरी के बदले जमीन कांड क्या है?
सीबीआई का कहना है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था, इसकी जांच तेज कर दी गई है. बिहार में भ्रष्टाचार का 14 साल पुराना ये मामला उजागर होने के बाद सियासी दंगल मचा हुआ है.आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई.उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गई. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गई.
सीबीआई का आरोप है कि पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम है. दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं. तीसरी सेल डीड 2015 की है जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है. इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया. पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है. जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया. दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया. एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम किया गया जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लाट दिया गया. बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं. गौर करने की बात ये है कि जिन लोगों ने या जिनके परिवार वालों ने लालू के परिवार वालों को ये जमीनें दीं, उन सबको लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी दी गई.
(एजेंसी और सुजीत झा के इनपुट के साथ)