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बिहार: केंद्र ने मल्लाहों को SC में शामिल करने का प्रस्ताव ठुकराया, “सन ऑफ मल्लाह” बोले- छोड़ दूंगा कुर्सी 

मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग पर संकट खड़ा हो गया है. केंद्र ने बिहार सरकार द्वारा भेजा गया प्रस्ताव ठुकरा दिया, जिसके बाद बिहार सरकार के मंत्री ने ऐलान किया है कि यदि वे आरक्षण की व्यवस्था नहीं कर पाते, तो कुर्सी छोड़ देंगे. 

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बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी
बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अनुसूचित जाति में शामिल करने की है मांग
  • बिहार सरकार ने केंद्र को भेजा था प्रस्ताव

बिहार सरकार ने मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा था, उसे केंद्र के द्वारा खारिज कर दिया गया है. इसके बाद बिहार सरकार में मल्लाह जाति के मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि अगर वे अपने समाज के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं करवा पाते हैं, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं.

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कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार 
“सन ऑफ मल्लाह” के नाम से मशहूर बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि “निषाद समाज का आस्था मेरे में है और उन लोगों ने ही मुझे सत्ता में पहुंचाया है. जिस दिन निषाद समाज को लगेगा कि मैं उनके लिए काम नहीं कर रहा हूं उसी दिन मैं अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार हूं.” मुकेश सहनी ने आरोप लगाया कि निषाद जाति के साथ आजादी के बाद से केंद्र की सभी सरकारों में धोखा किया गया है.

छह दशक से जारी है लड़ाई 
उन्होंने कहा कि निषाद समाज को आरक्षण दिलाने की लड़ाई पिछले छह दशक से जारी है. आजादी के बाद से ही लगातार निषाद समाज के साथ छल किया जा रहा है. चाहे केंद्र में किसी की भी सरकार रहे. दिल्ली और बंगाल में निषाद समाज को आरक्षण मिला हुआ है और हम चाहते हैं कि बिहार में भी हमें आरक्षण मिले. उन्होंने कहा कि वह केंद्र के द्वारा मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं करने के फैसले से आहत जरूर हैं, मगर वे अपना आंदोलन आगे भी जारी रखेंगे.

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दिल्ली तक आंदोलन के लिए तैयार 
मुकेश सहनी ने कहा कि आने वाले दिनों में निषाद समाज को उनका हक मिले इसके लिए हम संघर्ष करते रहेंगे. हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हम किसी से खैरात नहीं मांग रहे हैं, बल्कि निषाद समाज का हक मांग रहे हैं. निषाद समाज की लड़ाई लड़ते-लड़ते, मुझे मेरे लोगों ने इस मुकाम तक पहुंचाया है. आने वाले दिनों में जरूरत पड़ी तो पटना से लेकर दिल्ली तक निषाद समाज को आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन किया जाएगा. 

 

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