बिहार में चमकी बुखार का कहर बढ़ता ही जा रहा है. वहीं अब चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल की गई है. वकील शिव कुमार त्रिपाठी के जरिए याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया है कि एक मेडिकल एक्सपर्ट की टीम का गठन किया जाए जो चमकी बुखार फैलने के पीछे की वजह की जांच करे.
याचिका में मांग की गई है कि टीम जांच कर तीन महीनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट को इसकी रिपोर्ट सौंपे. साथ ही टीम के जरिए इस बात की भी जांच की जाए कि आखिर किसकी लापरवाही से 100 से ज्यादा बच्चों की जान गई.
याचिका में कहा गया है कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का उपचार मुफ्त कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार और बिहार सरकार को आदेश दे कि चमकी बुखार से प्रभावित जगहों पर तुरंत एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम और दवाइयां पहुंचाई जाए.बता दें कि चमकी बुखार के कारण मुजफ्फरपुर में अब तक 114 बच्चों की जान जा चुकी है.
इस मामले में इससे पहले भी दो वकीलों ने जनहित याचिका दायर की. याचिका में कहा गया कि प्रभावित इलाकों में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू स्थापित करने और मेडिकल एक्सपर्ट टीम भेजने के निर्देश दिए जाएं. साथ ही 100 मोबाइल आईसीयू मुजफ्फरपुर भेजा जाए और मेडिकल बोर्ड बनाया जाए. इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.
चमकी बुखार के लक्षण
चमकी बुखार एक दिमागी बुखार है. यह संक्रामक बीमारी है, जिसके वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं.
मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है. चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है.
बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं. शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है. शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं. यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है.