बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की हो रही मौतों पर मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं. सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ केस दायर किया गया था. इस मामले में सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं. सीजेएम कोर्ट ने जांच का यह आदेश एक समाजसेवी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.
वहीं, बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने चमकी बुखार के मुद्दे पर केंद्र सरकार और बिहार सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकारों से तीन मुद्दे पर हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन का मामला है. कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि ये मूल अधिकार हैं, जिन्हें मिलना ही चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से पूछा है कि क्या इनको लेकर कोई योजना लागू की गई है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि यूपी में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी, वहां पर सुधार कैसे आया. अदालत ने इतना कहते ही दोनों सरकारों को दस दिन का समय दिया है.
गौरतलब है कि बिहार में बीते एक महीने से चमकी बुखार से हाहाकार मचा हुआ. प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा चमकी बुखार से मौते हुई हैं. अकेले मुजफ्फरपुर चमकी बुखार से अबतक 130 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं पूरे बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से मरने वाले बच्चों को आंकड़ा 150 से ज्यादा है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है.