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चंद्रकेश्वर प्रसाद ने SC में दायर की याचिका, शहाबुद्दीन की बेल खारिज करने की मांग, 19 को होगी सुनवाई

11 साल बाद जेल से रिहा हुए आरजेडी के पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की मुश्किलें जल्द ही बढ़ सकती हैं. चंद्रकेश्वर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शहाबुद्दीन को रिहा करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.

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शहाबुद्दीन
शहाबुद्दीन

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11 साल बाद जेल से रिहा हुए आरजेडी के पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की मुश्किलें जल्द ही बढ़ सकती हैं. चंद्रकेश्वर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शहाबुद्दीन को रिहा करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.  सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर तुरंत सुनवाई को तैयार हो गया है. अदालत इस मामले पर 19 सितंबर को सुनवाई करेगी. चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या का मामला शहाबुद्दीन पर चल रहा है. इसी मामले में शहाबुद्दीन को बेल मिली थी. चंद्रकेश्वर प्रसाद की ओर से मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की है. इसके अलावा शुक्रवार को बिहार सरकार ने भी शहाबुद्दीन की बेल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.

चार में तीन बेटों की कर दी गई थी हत्या
इस याचिका में शहाबुद्दीन को मिली जमानत को खारिज करने की मांग की गई है. शहाबुद्दीन के लोगों पर आरोप है कि 2004 में चंद्रकेश्वर प्रसाद के दो बेटों सतीश और गिरीश को तेजाब से जलाकर मार दिया गया था. बाद में चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीसरे बेटे और मामले के चश्मदीद राजीव की भी कोर्ट में गवाही से कुछ दिन पहले 2014 में हत्या कर दी गई.

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उम्रकैद की सुनाई गई थी सजा
इस मामले में सीवान की अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हाल में सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शहाबुद्दीन के लोगों का नाम आने के बाद सीवान जेल से हटाकर भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था. पिछले हफ्ते ही शहाबुद्दीन को हाई कोर्ट से बेल मिल गई लेकिन रिहाई को लेकर बिहार सरकार निशाने पर आ गई. विपक्ष का आरोप है कि शहाबुद्दीन को बेल मिल जाए इसके लिए बिहार सरकार ने जानबूझकर कोर्ट में ढीला रवैया अपनाया.

सरकार के मांगी मदद: चंद्रकेश्वर प्रसाद
सीवान में मीडिया से बात करते हुए चंद्रकेश्वर प्रसाद ने बताया- 'मैंने हलफनामा और दस्तावेज भेज दिया है. या तो उस शख्स को बिहार से बाहर रखा जाए या फिर सजाए मौत दी जाए. हम सीबीआई से भी अनुरोध करेंगे. हम बुजुर्ग हैं और दवा खाकर जिंदा हैं. हमारा पूरा परिवार तबाह हो गया. हम केवल मौत का इंतजार करते हुए जीवन काट रहे हैं. हम सरकार से मदद भी चाहते हैं.'

जिला प्रशासन की रिपोर्ट से बढ़ेगी मुश्किल
सीवान जिला प्रशासन ने नीतीश सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में एक रिपोर्ट भेजकर कहा है कि आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजा जाए. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहबुली नेता शहाबुद्दीन के जमानत पर रिहा होने के बाद से आम लोग डर के साए में जी रहे हैं इसलिए उन्हें वापस जेल भेजा जाना चाहिए. रिपोर्ट में शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद सीवान के हालात को आधार बनाया गया है.

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बीजेपी की मांग- CCA लगाकर शहाबुद्दीन को दोबारा जेल भेजो
नीतीश सरकार पर शहाबुद्दीन पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर दोबारा जेल भेजने का भी जबरदस्त दबाव है. बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि शहाबुद्दीन पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर उन्हें दोबारा जेल भेजा जाना चाहिए. बीजेपी ने बिहार सरकार से शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की भी मांग की है.

कानून अपना काम करेगा: नीतीश
शहाबुद्दीन के मामले में सियासी आरोपों में घिरे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन के बयान को लेकर गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है. नीतीश से जब शहाबुद्दीन का उनको लेकर दिए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो उनके बयान को तवज्जो नहीं देते.

शहाबुद्दीन के बचाव में उतरे लालू
इससे पहले शहाबुद्दीन को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए लालू प्रसाद यादव ने 'आज तक' से खास बातचीत की. उन्होंने शहाबुद्दीन का बचाव करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की वजह से सरकार में कोई विवाद नहीं है. लालू ने कहा, 'शहाबुद्दीन को न्याय कोर्ट से मिला है, मैंने या नीतीश कुमार से उन्हें नहीं छोड़ा है'.

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