बिहार में बुधवार से चार दिवसीय छठ पर्व शुरू हो गया. कड़ी सुरक्षा के बीच लाखों श्रद्धालुओं, विशेषकर महिलाओं ने नदियों, तालाबों और अन्य जलस्रोतों में डुबकी लगाई. छठव्रती निर्मला देवी ने कहा, 'छठ की विधिवत शुरुआत नहाय-खाय से हुई.'
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'गंगा, पुनपुन, गंडक और कोसी नदी के तटों के साथ ही छोटी-बड़ी जलसंरचनाओं पर श्रद्धालुओं ने शाकाहारी भोजन पकाने के लिए चूल्हे बनाएं हैं. यहां बहुत भीड़ है.' छठ पर्व दिवाली के छह दिन बाद शुरू होता है. यह पूजा सूर्य देवता को समर्पित है. छठ पूजा बिहार के सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहारों में से एक है.
एक अन्य छठव्रती किरण सिन्हा ने कहा कि छठ पूजा के दौरान खाना पकाने के लिए केवल आम की सूखी लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है. खाना रखने के लिए बांस की टोकरियां प्रयुक्त होती हैं. छठ पर्व के दौरान विवाहित महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं. श्रद्धालु पारंपरिक रूप से सूर्य को गेहूं, दूध, गन्ना, केले और नारियल चढ़ाते हैं.
एक अधिकारी ने कहा, 'जिलाधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है.'
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से नदी तटों पर सफाई रखने के लिए कहा है. इसके साथ ही पिछले माह पटना में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के मद्देनर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए भी कहा है.