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बाल विवाह रोकने की मुहिम शुरू होने के एक दिन बाद ही नाबालिग की शादी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बाल विवाह रोकने की मुहिम शुरू करने के एक दिन बाद ही एक नाबालिग का जबरन विवाह करवाने का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में सामने आया है और मामले की प्राथमिकी बख्तियारपुर थाने में दर्ज कराई गई है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बाल विवाह रोकने की मुहिम शुरू करने के एक दिन बाद ही एक नाबालिग का जबरन विवाह करवाने का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में सामने आया है और मामले की प्राथमिकी बख्तियारपुर थाने में दर्ज कराई गई है.

नाबालिग लड़की के पिता का आरोप है कि पंचायत के उप-मुखिया ने अपने समर्थकों के साथ उसकी बेटी को अगवा कर उसका बाल विवाह करा दिया. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने छापेमारी  करते हुए नाबालिग से शादी करने वाले युवक और उपमुखिया को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सवानी गांव निवासी एक महिला की नाबालिग बेटी मेला देखने गई थी. इस दौरान मकदूमा गांव का लोकेश कुमार वहां पर आ पहुंचा और उसकी बेटी को जबरन बाइक पर बिठा कर ले भागा.

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उसके बाद लड़की को ढूंढने के बाद सवानी पंचायत का उप मुखिया वहां आ गया और बहला-फुसलाकर बच्ची की शादी करवा दी. वहीं गाड़ी से आए दोनों ने थाना में केस करने की बात कह कर सभी लोगों को गाड़ी में बैठा लिया और इसके बाद ले जाकर एक घर में बंद कर दिया. पिता का आरोप है कि सामाजिक दबाव और लोक लाज का हवाला देकर उसकी बेटी की जबरन शादी लोकेश से करा दी गई.

नाबालिग लड़की के पिता के बयान पर उप मुखिया पप्पू कुमार, लड़की को अगवा करने वाले लोकेश कुमार, लोकेश के पिता बिरेंद्र राम तथा उप मुखिया के सहयोगी पप्पू महतो, शंकर महतो, सुधीर मांझी के खिलाफ अपहरण और नाबालिग बच्ची की जबरन शादी करवाने की प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है.

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