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फिर 'चिराग' से रोशन होगा NDA! पटना में अलायंस पर चर्चा, एलजेपी (R) चीफ बोले- मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं

चिराग पासवान ने अपनी पार्टी की हाईलेवल मीटिंग से पहले केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की. रविवार को हुई इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने चिराग की सुरक्षा भी बढ़ाई है, इसलिए ऐसी चर्चा है कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है.

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चिराग से मिले नित्यानंद राय (फोटो-आजतक)
चिराग से मिले नित्यानंद राय (फोटो-आजतक)

एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच चिराग पासवान ने रविवार को अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में पार्टी पदाधिकारियों ने चिराग को गठबंधन में शामिल होने का फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया. इस मीटिंग से पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने चिराग पासवान से पटना में मुलाकात की. 

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भारतीय जनता पार्टी के साथ 2024 चुनावों में गठबंधन को लेकर लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) की आज बैठक हुई. इस मीटिंग में पार्टी के सभी नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि इसमें तय किया जाना था कि लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हुआ जाए या नहीं. हालांकि पार्टी नेताओं ने इसके लिए चिराग पासवान को अधिकृत कर दिया है कि गठबंधन को लेकर वो जो फैसला लेंगे, वही माना जाएगा.

गठबंधन को लेकर बातचीत जारी: चिराग

पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद चिराग पासवान पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे गठबंधन पर फैसले के लिए अधिकृत कर दिया है. अब चर्चाओं का एक दौर चलेगा. वहीं मंत्री पद को लेकर चिराग ने कहा कि मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है. एनडीए में शामिल होने पर जमुई सांसद ने कहा कि अभी बातचीत चल रही है. अंतिम फैसला होने के पहले कुछ भी बोलना गठबंधन धर्म के लिए ठीक नहीं होगा. 

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नित्यानंद राय ने की है चिराग से मुलाकात  

एलजेपी की मीटिंग से पहले नित्यानंद राय ने चिराग से मुलाकात की. दरअसल पहले से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है और इसी को देखते हुए बिहार में उनकी सुरक्षा भी बढ़ाई गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. ऐसी चर्चा है कि उनकी एनडीए में वापसी का बस औपचारिक ऐलान ही बाकी है. ऐसे में नित्यानंद से उनकी मुलाकात भी इसकी पुष्टि कर रही है. 

फाइल फोटो

बैठक के बाद नित्यानंद राय ने क्या कहा?

चिराग से मीटिंग के बाद नित्यानंद राय ने कहा कि यह हमारा पुराना घर है. जब हम मिलते हैं तो हमेशा अच्छा लगता है. राम विलास पासवान और बीजेपी ने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है. वहीं विपक्षी एकता पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये पीएम मोदी की लोकप्रियता के डर के कारण है. न तो उनके पास कोई नेता है और न ही कोई नीति. उन्हें नीति, सेवा और नेतृत्व के बारे में पीएम मोदी से सीखना चाहिए.

चिराग का हाजीपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान 

रामविलास पासवान की जयंती पर चिराग ने ऐलान किया था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मैदान में होंगे. उन्होंने दावा किया कि यह मेरे पिता की विरासत है और मैं इसका उत्तराधिकारी हूं.   

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इस बीच रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं तो वहां का सांसद हूं और बड़े भाई ने हाजीपुर सीट मुझे दी थी. इसलिए यहां से लोकसभा चुनाव तो मैं ही लडूंगा. आजतक से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री पशुपति ने कहा कि मैं साल 2019 में चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. तब भइया के कहने पर चुनाव लड़ा था. उस समय चिराग को उन्होंने हाजीपुर की सीट नहीं दी. तो अब तो मैं ही इसका हकदार हूं. 

चिराग को लेकर क्या बोले पशुपति पारस? 

वहीं चिराग को लेकर उन्होंने कहा कि वह कहां है इसका पता उन्हें खुद नहीं है. वह खुद कहते हैं कि मैं किसी गठबंधन में नहीं हूं. पारस ने यह भी कहा कि चिराग की NDA से कोई बातचीत नहीं हो रही है. जनाधार मेरे पास है तारापुर और कुशेश्वर स्थान उप-चुनाव में यह साबित हो गया है. भविष्य में हम चाचा-भतीजा एक नहीं हो सकते क्योंकि कोई पार्टी टूटती है तो फिर मिल जाती है लेकिन यहां तो दिल टूटा है.  

बिहार विधानसभा चुनाव में अलग हो गए थे चिराग 

चिराग पासवान 2020 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए से अलग हो गए थे और उन्होंने अकेले ही चुनाव लड़ा था. हालांकि बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ उनकी पार्टी ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. उन्होंने पूरे चुनाव में खुद को पीएम मोदी का हनुमान भक्त बताया था, जबकि नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने के लिए अभियान चलाया था. हालांकि चुनावों में हार के बाद उनकी पार्टी में ही फूट पड़ गई थी और हाजीपुर से सांसद उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद वह एनडीए में शामिल हो गए थे और उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई थी. 
 

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