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चिराग की हां, पशुपति की ना... बिहार की एक लोकसभा सीट पर दोनों की दावेदारी से बिगड़ा BJP का गेमप्लान

हाजीपुर लोकसभा सीट से पशुपति कुमार पारस सांसद हैं, लेकिन इस बार जमुई से सांसद और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने इस सीट पर दावेदारी ठोकी है. वहीं पशुपति का कहना है कि ये सीट उनके भाई ने उन्हें सौंपी थी इसलिए यहां से वही चुनाव लड़ेंगे. चाचा-भतीजे की इस लड़ाई से बीजेपी परेशान है.

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पशुपति पारस और चिराग पासवान (फाइल फोटो)
पशुपति पारस और चिराग पासवान (फाइल फोटो)

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एक ओर विपक्षी दल एकजुट होकर लड़ने का प्लान बना रहे हैं तो वहीं बीजेपी अपने एनडीए गठबंधन को मजबूत बनाने में जुटी हुई है. इसको देखते हुए बिहार में एलजेपी के दोनों गुटों को भी एकजुट करने की कोशिश में है, लेकिन एक लोकसभा सीट पर दोनों गुटों की दावेदारी से मामला बिगड़ता हुआ दिख रहा है. 

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दरअसल बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से पशुपति कुमार पारस सांसद हैं, लेकिन इस बार जमुई से सांसद और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान से इन सीट पर दावेदारी ठोकी है. हाजीपुर सीट से ही रामविलास पासवान चुनाव लड़ते थे, इसलिए ये सीट उनकी विरासत को तय करेगी. यही वजह है कि रामविलास पासवान का वारिस बनने की होड़ में चाचा-भतीजे इस सीट पर दावेदारी कर रहे हैं. 

पशुपति पारस ने सीट पर किया दावा 

हालांकि पशपति कुमार पारस ने इस सीट को छोड़ने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि ये सीट उनके भाई रामविलास पासवान ने उन्हें सौंपी थी. वह आगे भी इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. मीडिया से बात करते हुए एक बार पशुपति पारस ने कहा, "कौन है चिराग पासवान, मैं नहीं जानता चिराग पासवान कौन हैं. हाजीपुर के सांसद हम हैं, मैं चुनाव लड़ूंगा. मेरा गठबंधन भाजपा के साथ है न कि चिराग पासवान के साथ. हाजीपुर का सांसद मैं हूं, मैं चुनाव लड़ूंगा और फिर जीतकर भारत सरकार का मंत्री बनूंगा." पशुपति पारस ने ये भी कहा कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना जमुई की जनता से धोखा देने जैसा है.

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चिराग ने किया हाजीपुर से लड़ने का ऐलान 

दूसरी तरफ, अपने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत हाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान ने घोषणा कर दी. चिराग ने कहा कि हाजीपुर उनके पिता की सीट है, वो किसी हाल में उसे नहीं छोड़ेंगे. हालांकि इस पर पशुपति ने पूछा कि वो जमुई की सीट क्यों छोड़ना चाहते हैं? 

चाचा-भतीजे की लड़ाई से बीजेपी परेशान 

चाचा और भतीजे के इस झगड़े से बीजेपी काफी परेशान है और चाहती है कि किसी की तरह से दोनों एक साथ आ जाएं. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होने वाली 18 जुलाई को एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी ने चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों को ही न्योता भेजा है. इससे पहले बीजेपी नेता नित्यानंद राय भी चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन इसमें कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है.  

2021 में हुई थी LJP में फूट  

बता दें कि 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हुई थी और फिर चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बनी जो एनडीए में उस वक्त शामिल हो गई थी और फिर पशुपति पारस केंद्र में मंत्री बने. दूसरी तरफ चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बनी.  

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हालांकि, पशुपति पारस का खेमा ज्यादा मजबूत बन गया क्योंकि चिराग पासवान को छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी के सभी सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बावजूद भी चिराग पासवान 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की दावेदारी सभी 6 लोकसभा सीटों पर कर रहे हैं और साथ ही एक राज्यसभा की सीट की मांग कर रहे हैं.

 

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