केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा है कि जबतक चिराग पासवान 2020 में लोक जनशक्ति पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ उनकी पार्टी का विलय असंभव है.
पशुपति पारस ने कहा, 'चिराग पासवान के साथ आने का कोई सवाल ही नहीं है, जब तक कि वह 2020 में अपने किए के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते. हमारी सलाह के बावजूद चिराग पासवान का अकेले चुनाव लड़ने का उनका फैसला गलत था. मैं चिराग के साथ अपनी पार्टी का विलय करने की तभी सोच सकता हूं जब चिराग अपनी उस गलती के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें.'
नरम पड़े चाचा के तेवर
बता दें कि चाचा पारस लोक जनशक्ति पार्टी के विभाजन के बाद पिछले एक साल में नरम पड़ते दिखाई दिए हैं और उन्होंने कहा कि उन्हें चिराग पासवान के एनडीए के पाले में लौटने से कोई समस्या नहीं है. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि चिराग पासवान बीजेपी की अनुमति लेने के बाद ही एनडीए में लौटे थे.
पारस ने कहा, 'मैं चिराग की पार्टी का एनडीए में स्वागत करता हूं, लेकिन वह बीजेपी नेता नित्यानंद राय थे, जिन्होंने चिराग को एनडीए में वापस लेने के बारे में मुझसे बात की थी. मेरी स्वीकृति के बाद ही चिराग ने मोकामा और गोपालगंज उपचुनावों में बीजेपी के लिए प्रचार किया.' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चिराग भले ही एनडीए में लौट आए हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने उन्हें माफ कर दिया है या अपनी पार्टी का लोजपा (आर) में विलय करने को तैयार हैं.'
चिराग की चुनाव लड़ने की खबरों को भी किया खारिज
पशुपति पारस ने चिराग के हाजीपुर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरों को भी खारिज कर दिया, जहां से वह मौजूदा सांसद हैं. पारस ने कहा, 'चिराग जमुई से चुनाव लड़ेंगे जहां से वह वर्तमान सांसद हैं. वह हाजीपुर से कैसे चुनाव लड़ सकते हैं? मैं हाजीपुर से मौजूदा सांसद हूं और 2024 में फिर से उसी सीट से चुनाव लड़ूंगा. चिराग रामविलास पासवान की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं लेकिन उनकी राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी मैं हूं.'