बिहार के जहानाबाद जिले में क्रूरता और असंवेदनशीलता की एक बड़ी घटना सामने आई है. यहां ठीक से पढ़ाई ना करने पर एक प्राइवेट स्कूल में पहली कक्षा के एक छात्र को जंजीर से बांध कर रखने का मामला सामने आया है.
छात्र का नाम रमेश कुमार है और वह अपने घर से दूर जहानाबाद के क्लाइमैक्स पब्लिक स्कूल में पढ़ता है.
रिपोर्ट के मुताबिक रमेश बोर्डिंग स्कूल में नहीं रहना चाहता है और अपनी पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता है. हाल ही में वह स्कूल से भी भाग चुका है. मगर उसके पिता ने फिर से उसे इसी स्कूल में लाकर भर्ती कर दिया.
रमेश की हरकत से नाराज स्कूल संचालक सगुन प्रसाद ने उसे जंजीरों में जकड़ दिया ताकि वह स्कूल से भाग ना सके. पैर बंधे होने के कारण वह हॉस्टल में चल भी नहीं पाता था और इस हालत में उसे सात दिनों तक रखा गया.
संयोग से एक छात्र ने उसकी ऐसी हालत देख, जिला प्रशासन को सूचित किया. इस बात का संज्ञान लेते हुए जहानाबाद जिला मजिस्ट्रेट मोहम्मद सौहेल ने प्रभारी एसडीओ रविंद्र कुमार को इस बात की जांच करने को कहा. लेकिन तब तक स्कूल संचालक को इसकी भनक लग चुकी थी. उसने छात्र की जंजीर खोल दी और खुद मौके से फरार हो गया.
जांच अधिकारी के मुताबिक जब वे स्कूल पहुंचे तो उन्हें कोई नहीं मिला. अधिकांश छात्र गर्मियों की छुट्टियों की वजह से घर जा चुके थे. स्कूल में सिर्फ दो छात्र मिले जिन्होंने इस घटना के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि स्कूल संचालक का तो अभी पता नहीं चला है लेकिन स्थानीय मीडिया ने जंजीरों में जकड़े छात्र की तस्वीर ले ली थी. शायद पीड़ित छात्र के पिता उसे घर ले गए हैं. उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट को अपनी जांच की रिपोर्ट सौंप दी है. आगे की कार्रवाई के लिए इस मामले को एसपी को सौंप दिया गया है.
स्कूल सूत्रों के मुताबिक रमेश ठीक से पढ़ाई नहीं करता था और उसे अक्सर सजा दी जाती थी. इसके बावजूद जब उसके रवैये में सुधार नहीं हुआ तो स्कूल मालिक ने उसे अमानवीय सजाएं दीं.
पिछले साल रोहतास जिले में रिक्शा चुराने के आरोप में एक 12 साल के बच्चे चंदन कुमार को जंजीरों में बांध कर घंटों कड़ी धूप में रखा गया था.