बिहार बाढ़ और बारिश से बेहाल है. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका पटना ही है. इसी बीज पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव डूबते-डूबते बचे.
फेसबुक पोस्ट लिखकर उन्होंने इस बात की जानकारी दी है. दरअसल धनरुआ के रमणी बिगहा इलाके में पानी की गहराई ज्यादा थी और नाव की व्यवस्था नहीं हो पाई थी. नाव कुछ दूर ही आगे बढ़ी थी तभी डूब गई. स्थानीय लोगों ने रामकृपाल यादव को डूबने से बचा लिया.
BJP MP Ram Kripal Yadav: State administration is only focusing on Patna. They are not looking at rural areas, people are crying. Cattle are dying due to unavailability of food. Even I didn't get a boat, I had to use a makeshift boat to visit flooded areas. #BiharFloods (file pic) https://t.co/7G1SW1iE46 pic.twitter.com/sOjsGvkS1a
— ANI (@ANI) October 2, 2019
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन केवल पटना पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. वे ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं देख रहे हैं, लोग रो रहे हैं. भोजन की अनुपलब्धता के कारण मवेशी मर रहे हैं. यहां तक कि मुझे एक नाव भी नहीं मिली, मुझे बाढ़ वाले इलाकों का दौरा करने के लिए एक अस्थायी नाव का उपयोग करना पड़ा.
लगातार बारिश के कारण बिहार के लोग परेशान है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ और अधिक बारिश को जलवायु परिवर्तन का कारण माना है. उन्होंने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में कभी सूखा और कभी भारी बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण है.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'देश की आजादी में चंपारण सत्याग्रह की बड़ी भूमिका है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'नई पीढ़ी को गांधीजी के विचारों की जानकारी देनी होगी. अगर कुछ युवा भी गांधीजी के विचारों को समझ गए तो समाज का बड़ा भला होगा. कुछ अपवादों को छोड़कर गांधीजी में हर किसी की आस्था है.'
नीतीश ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में सूखा के लिए राहत कार्य चलाए जा रहे थे कि अचानक भारी बारिश से वर्तमान हालात बन गए. इस साल जुलाई में 12-13 जिलों में बाढ़ आई थी. बाद में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया. ऐसे में अब अचानक हुई भारी बारिश की वजह से पटना के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए.'
उन्होंने कहा, 'तालाब, नहर, कुंओं, पोखर से अवैध कब्जा हटाया जा रहा है. जल को लेकर पुरानी प्रथाओं को पुनर्जीवित करेंगे. सार्वजनिक कुंओं को भी ठीक किया जा रहा है.'
उन्होंने राज्य में गिरते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि बारिश के पानी का संचय करना होगा, और हम लोगों ने निर्णय लिया है कि जल-जीवन-हरियाली शुरू किया जाएगा.
'जल-जीवन-हरियाली' के बारे में उन्होंने कहा, 'इसके नाम में जल और हरियाली के बीच जीवन छिपा हुआ है. जल और हरियाली है तभी जीवन है. ऐसे में जल और हरियाली को बचाने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि इस अभियान की औपचारिक शुरुआत पटना में कर दी गई है, और जिले के शेष क्षेत्रों में इसे 26 अक्टूबर को विधिवत शुरू किया जाएगा. इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहे.