सियासी बवंडर में घिरे बिहार के सीएम जीतनराम मांझी ने सवर्णों को लुभाने वाला एक बड़ा फैसला किया है. मांझी की कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला किया है.
आर्थिक रूप में कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने से जुड़ी गाइडलाइन तय करने के लिए सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है. मांझी सरकार ने मंगलवार शाम को कैबिनेट की बैठक में सरकारी टेंडरों में SC-ST को भी रिजर्वेशन देने का निर्णय किया है. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि प्रदेश के बड़े तबके को लुभाने वाला मांझी सरकार का यह फैसला आखिर किस तरह लागू होगा?
जीतनराम मांझी ने भले ही अब तक सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है, पर जेडीयू ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया है. जेडीयू ने पूर्व सीएम नीतीश कुमार को विधानमंडल दल का नया नेता चुना है, जिन्हें विधानसभा के स्पीकर ने भी मान्यता दे दी है. ऐसे में मांझी सरकार के अभी लिए गए फैसलों की कानूनी वैधता पर सवालिया निशान लगे हुए हैं.
गौरतलब है कि पूर्व सीएम नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे 130 विधायकों का ग्रुप दिल्ली पहुंच रहा है. इसमें खुद नीतीश कुमार भी शामिल हैं. इन सभी विधायकों का राष्ट्रपति के सामने परेड कराने का प्रोग्राम है, ताकि यह पता चल सके कि संख्या बल किसके पास है.