अररिया लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में मतदाताओं ने केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हराने के लिए वोटिंग की है? सवाल बड़ा भी है और गंभीर भी.
अररिया की सीट अभी तक आरजेडी के पास थी और वहां से मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सांसद थे, मगर उनके निधन के बाद उनके बेटे सरफराज आलम आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 1 महीने पहले तक सरफराज आलम जेडीयू से विधायक थे. लेकिन सरफराज आलम ने पहले ही भांप लिया था कि अररिया के मुसलमानों में नीतीश कुमार के खिलाफ काफी गुस्सा है, ऐसा कहें तो गलत नहीं होगा और इसी गुस्से का पूरा फायदा उठाने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी छोड़कर आरजेडी का दामन थामा.
नीतीश कुमार के खिलाफ गुस्सा रविवार को देखने को मिला जब मुस्लिम बहुल जिले अररिया की जनता ने अपना मतदान किया. आज तक ने कई मतदान केंद्रों का भ्रमण किया और वहां की जनता से जानना चाहा कि आखिर किन मुद्दों पर जनता वोट कर रही है तो जवाब केवल एक ही था, नीतीश कुमार को हराने के लिए.
आज तक ने इन मतदाताओं से सवाल पूछा कि आखिर इनमें नीतीश कुमार के खिलाफ इतना गुस्सा क्यों है तो जवाब मिला कि उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को धोखा दिया है.
सोनापुर ग्राम के एक मतदाता मोहम्मद रौफ ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस तरीके से पिछले साल महागठबंधन से भाजपा के साथ हाथ मिलाया उससे स्थानीय जनता काफी नाराज है. दूसरे मतदाता मोहम्मद इस्माइल का कहना था कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव का इस्तेमाल करके सरकार बना ली और फिर उसके बाद उन्होंने उन्हें धोखा दे दिया.
सोनापुर ग्राम के एक और मतदाता ने कहा कि देश में भाजपा शासन के दौरान मुसलमानों के बीच काफी बेचैनी है और इसी वजह से उन्होंने नीतीश कुमार को हराने के लिए ही वोट दिया है.