Bihar CM Nitish Kumar and Speaker Vijay Kumar Sinha Fight: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच तकरार में आखिरकार स्पीकर की जीत हुई. सरकार ने लखीसराय डीएसपी रंजन कुमार को हटाकर उनकी जगह पर सैयद इमरान मसूद की नियुक्ति कर दी है. सरस्वती पूजा के बाद से ही मुख्यमंत्री और स्पीकर के बीच रंजन कुमार को लेकर ही तनातनी चल थी और स्पीकर चाहते थे कि राज्य सरकार लखीसराय डीएसपी रंजन कुमार को वहां से हटाकर कहीं और भेजे.
दरअसल, सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय में कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों की धज्जियां भी उड़ी थीं. कोविड-19 के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भीड़ की खबर जब मीडिया में चली थी तो फिर आनन-फानन में लखीसराय पुलिस ने दर्शकों में से 2 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
कथित रूप से दोनों निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी को लेकर ही स्पीकर विजय कुमार सिन्हा काफी नाराज थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि आखिर पुलिस ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजकों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया और क्यों निर्दोष व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया?
इसी दौरान स्पीकर जब अपने विधानसभा क्षेत्र लखीसराय गए थे तो उन्होंने डीएसपी रंजन कुमार से भी इसको लेकर सवाल पूछा था, मगर स्पीकर पुलिस अधिकारी के जवाब से संतुष्ट नहीं थे. स्पीकर ने यह भी आरोप लगाया कि डीएसपी ने उनके साथ बदतमीजी की थी. उनके साथ प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार नहीं किया गया.
इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष बेहद नाराज थे. बार-बार सदन में मामला उठाने के बावजूद सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया और बीते सोमवार को इसी मामले को लेकर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच वाद-विवाद हुआ था.
दरअसल, स्पीकर सिन्हा डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे और सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था, जिसके फलस्वरूप बीते सोमवार को विधानसभा में सदन के अंदर नीतीश कुमार और स्पीकर के बीच में जबरदस्त तकरार देखने को मिली थी.
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के तल्ख तेवर को देखते हुए आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और लखीसराय के एसडीपीओ रंजन कुमार का तबादला किया गया. इस पूरे प्रकरण में बिहार की एनडीए सरकार की अच्छी खासी फजीहत हो गई.