बिहार में बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या 16 पहुंच चुकी है. प्रदेश सरकार राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ ही केंद्र से सहायता प्राप्त करने के लिए बाढ़ से हुई क्षति के आंकलन में लगी है.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान नालंदा जिला में बाढ़ से दो लोगों के मरने की सूचना है, जबकि प्रदेश के अन्य भागों में डूबने से और मकान ध्वस्त होने से मरने के मामले प्रकाश में आए हैं. मंगलवार तक बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 10 थी. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने गुरुवार को पटना में राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ राहत, बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन बाढ़ पीडि़तों की हरसंभव सहायता करें. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीडि़त परिवारों को किसी तरह की कठिनाई न हो.
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूर्ण सतर्कता बरतें तथा जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय बनाए रखें, ताकि तटबंध टूटने की नौबत न आए. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारी अपने जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ एक सप्ताह के भी सर्वदलीय बैठक बुलाए और उनसे बाढ़ प्रभावित लोगों की सूची प्राप्त कर प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में तैयार की सूची से मिलान कर लें तथा जनप्रतिनिधियों से राय लेकर बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराएं.
मांझी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ से जिनकी मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को शीघ्र सहायता राशि प्रदान करें. उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन पूर्व से ही सतर्क रहेगा, तो बाढ़ आने पर लोगों को बाढ़ सहायता व राहत देने में कठिनाई नहीं होगी. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बचाव और राहत कार्य में लगी हुई है. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ पीडितों को हरसंभव सहायता देने के लिए जुट जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पैसे की कमी नहीं है. प्रदेश सरकार ने राशि उपलब्ध करा दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां बाढ़ पीडि़तों के लिए भोजन की व्यवस्था, दवा तथा पशुचारा उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीडितों को फूड पैकेट, चूड़ा, गूड़ एवं पॉलिथीन दिया गया है. मेडिकल टीम द्वारा बीमार पड़ने पर बाढ़ प्रभावितों को डॉक्टरी सुविधा मुहैया कराई जा रही है. बाढ़ का पानी निकलने पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है.
मांझी ने बताया कि बिहार के कुल 38 जिलों में से 28 जिले बाढ़ प्रभावित हैं तथा पन्द्रह जिलों में इसकी भयावहता अधिक है. उन्होंने कहा कि बाढ़ में काफी लोगों की मृत्यु हुई है. सही संख्या लोग नहीं बता पा रहे हैं. बाढ़ से बचाव के लिए प्रदेश में की गई तैयारी होने का दावा करते हुए मांझी ने कहा कि इस बार बाढ़ की प्रवृति विपरीत है. जिस जिले में बाढ़ आने की उम्मीद नहीं थी, उस जिले में बाढ़ की भयावहता अधिक है. उन्होंने शेखपुरा और नालंदा जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह बताते हुए कहा कि शेखपुरा में विगत 2004 के बाद बाढ़ नहीं आई थी. मांझी ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि इस बाढ़ से काफी क्षति हुई है. काफी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य उच्च पथ और ग्रामीण सड़क क्षतिग्रस्त हुई है. मांझी ने बताया कि मंगलवार को उनकी केंन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई थी. वे केन्द्रीय गृहमंत्री से भी बात करेंगे.