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शिक्षकों की पिटाई को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा

सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतनमान की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी अनुबंधित शिक्षकों की पिटाई और लाठीचार्ज के विरोध में राजद सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने विधानमंडल के दोनों सदनों में नीतीश सरकार को घेरा और राज्यपाल देवानंद कुंवर से मामले में हस्तक्षेप की मांग की.

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सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतनमान की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी अनुबंधित शिक्षकों की पिटाई और लाठीचार्ज के विरोध में राजद सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने विधानमंडल के दोनों सदनों में नीतीश सरकार को घेरा और राज्यपाल देवानंद कुंवर से मामले में हस्तक्षेप की मांग की.

बिहार विधानसभा और विधानपरिषद में राजद, कांग्रेस, लोजपा, भाकपा के सदस्यों ने काली पट्टी सिर में और बांह में बांधकर विरोध व्यक्त करते हुए हंगामा किया और प्रश्नकाल को चलने नहीं दिया, जबकि सरकार ने उपद्रव पर उतारु शिक्षकों पर की गयी कार्रवाई को जायज बताया. विपक्षी सदस्यों ने सदन के बीचोबीच आकर हंगामा किया. दोनों सदनों में भोजनावकाश के बाद की बैठक में भी विपक्ष के सदस्य नदारद रहे.

दोपहर बाद राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी और कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के नेतृत्व में विपक्ष के सदस्यों ने राजभवन जाकर राज्यपाल देवानंद कुंवर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सरकार को निर्देश देने की मांग की.

नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि शिक्षकों की बर्बर पिटाई कर लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों का हनन किया गया है. आपातकाल की याद ताजा हो गयी है. यह शर्मनाक घटना है.

सरकार की ओर से बयान देते हुए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा, ‘शिक्षकों पर पुलिस ने आत्मरक्षार्थ बलपूर्वक कार्रवाई की. पुलिसकर्मियों ने हर प्रकार से प्रदर्शनकारी और हिंसा पर उतारु शिक्षकों को समझाने का प्रयास किया. लाठीचार्ज से पहले पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े गये. हिंसा कर रहे शिक्षक नहीं माने तब लाठीचार्ज किया गया.’ बहरहाल, अनुबंधित शिक्षकों ने सात मार्च को बिहार बंद का आहवान किया है, जिसका समर्थन विपक्षी दल राजद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने किया है.

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