बिहार में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण पैर पसार रहा है, उसे देखते हुए अब प्रशासन के भी हाथ-पैर फूलने लगे हैं. राज्य में पिछले 24 घंटे में 8 हजार के करीब नए मामले दर्ज किए गए हैं. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की अपील की है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि स्थिति बेकाबू होने से पहले पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया जाए.
बिहार में लगे पूर्ण लॉकडाउन: मुकेश सहनी
महाराष्ट्र में हुए कोरोना विस्फोट का उदाहरण देते हुए मुकेश सहनी ने कहा है कि बिहार में संक्रमण की स्थिति बेकाबू ना हो इसके लिए राज्य में जल्द से जल्द लॉकडाउन लगाया जाए. उन्होंने सरकार को अपने सरकारी आवास को आइसोलेशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरे विभाग के तहत आने वाले 1137 पशु चिकित्सक, 50 एंबुलेंस वैन और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय भवन का उपयोग राज्य सरकार आइसोलेशन केंद्र बनाने के लिए करे. मेरा अपना सरकारी आवास भी आइसोलेशन केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
मालूम हो कि मुकेश सहनी की तरफ से ये प्रस्ताव कोरोना के खिलाफ सर्वदलीय बैठक में दिया गया था. उसी बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी अपना पक्ष रखते हुए राज्य में पूर्ण लॉकडाउन की पैरवी की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि वीकेंड लॉकडाउन से बिहार में स्थिति नहीं सुधरने वाली है. उनकी नजर में परिस्थितियों को देखते हुए पूर्ण लॉकडाउन ही उचित विकल्प है. सर्वदलीय बैठक खत्म होने के बाद सीएम नीतीश कुमार की तरफ से भी बयान दिया गया था. उन्होंने राज्य में बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि वे रविवार को जिलों के जिलाधिकारी और एसपी के साथ बैठक करने वाले हैं. उस बैठक के बाद ही कोई जरूरी फैसला लिया जाएगा.
बिहार में चरमराती स्वास्थ्य सेवाएं
बिहार में जब से कोरोना का विस्फोट हुआ है, नीतीश कुमार की आला अफसरों के साथ बैठकों का दौर जारी है. वे पिछले कई दिनों से लगातार बैठक भी कर रहे हैं और दिशा-निर्देश भी जारी कर रहे हैं. उनकी तरफ से टीकाकरण को तेज करने पर भी जोर दिया जा रहा है. इस सिलसिले में उनकी तरफ से अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं. वहीं दूसरे राज्यों की तरह बिहार से भी डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती दिख रही हैं और अस्पतालों में मरीज बेड और ऑक्सीजन की कमी से जूझते दिखाई पड़ रहे हैं.