कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक आपात बैठक की, जिसमें फैसला लिया गया कि 31 मार्च तक प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि सरकारी स्कूलों के बंद होने के कारण बच्चों को जो मिड-डे-मील नहीं दिया जाएगा उसका पैसा उनके बैंक खाते में सरकार जमा कराएगी.
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देते हुए दीपक कुमार ने कहा कि अब तक बिहार में 142 मरीजों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था, जिसमें से 73 को जांच के बाद छोड़ दिया गया है.
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मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण काफी भयानक है और यह तेजी से फैल रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि स्कूल, कॉलेजों के साथ-साथ प्रदेश के सभी सिनेमाघर भी का 31 मार्च तक बंद रहेगा. सरकार ने राज्य में डेढ़ लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है.
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दीपक कुमार ने बताया कि राज्य सरकार इस बात को लेकर भी विचार कर रही है कि सरकारी कर्मचारियों को रोजाना दफ्तर आने के बजाय एक दिन छोड़कर दफ्तर आने के व्यवस्था की जाए ताकि सरकारी कार्यालयों में ज्यादा भीड़ ना हो.
मुख्य सचिव ने बताया कि हर साल 22 मार्च को मनाया जाने वाला बिहार दिवस कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया गया है. साथ ही 31 मार्च तक प्रदेश में किसी भी तरह के खेल से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा.
दीपक कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि भारत-नेपाल सीमा पर और ज्यादा सतर्कता बढ़ती जाए और लोगों की सघन मेडिकल जांच की जाए. प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में राज्य सरकार ने 100 अतिरिक्त वेंटिलेटर लगाने का भी निर्णय लिया है.