उन्होंने कहा कि प्रदेश के दो लैब में कोरोना की जांच का काम शुरू कर दिया गया है. पहले केवल आरएमआरआई में यह टेस्ट उपलब्ध था, अब आईजीआईएमएस में भी कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी सैंपल अभी आ रहे हैं, उनकी समय पर जांच की जा रही है. सैपल्स की संख्या अभी इतनी नहीं है कि उसके लिए इंतजार करना पड़े. उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में डीएमसीएच दरभंगा में भी यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी.
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स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि महाराष्ट्र से 4 स्पेशल ट्रेन से आए सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई. उसके बाद एर्नाकुलम से जो यात्री बिहार आए, उनका भी टेस्ट किया गया. बस स्टैंड पर चार-पांच दिन पहले तक जो लोग जा रहे थे, वहां स्क्रीनिंग कराई जा रही थी.
उन्होंने कहा कि नेपाल की सीमा पर 49 ट्रांजिट प्वाइंट हैं, जिनमें से 40 प्वाइंट से लोगों की आवाजाही होती थी. यहां काफी भीड़भाड़ रहती थी. सरकार ने वहां भी स्क्रीनिंग का इंतजाम किया था. नेपाल सीमा के ट्रांजिट प्वाइंट्स पर 385000 लोगों की स्क्रीनिंग की गई. एयरपोर्ट पर भी स्क्रीनिंग की गई.
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मंगल पाण्डेय ने प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या नहीं बढ़ने की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कोरोना की जांच को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब दिए. उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए आईसीएमआर से स्वीकृति लेनी होती है, तब जाकर पुणे से जांच किट उपलब्ध कराई जाती है.
पटना के दो अस्पतालों में जांच की सुविधा उपलब्ध होने के बाद अब दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लिए जांच की अनुमति मांगी गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश की लैब में अब तक कुल 361 सैंपल की जांच हुई है, जिनमें से 357 निगेटिव पाए गए हैं.
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नीतीश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार के दिन कोरोना की जांच के लिए 50 सैंपल आरएमआरआई अस्पताल पहुंचने की जानकारी दी और कहा कि इनकी जांच की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बिहार की जनता को भरोसा दिलाया कि डरने की जरूरत नहीं है.
मंगल पाण्डेय ने सोशल डिस्टेंसिंग पर भी जोर दिया और कहा कि यही जीवन को बचाने के लिए एकमात्र उपाय है. दुनिया में जिस रफ्तार से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ी है, तुलनात्मक रूप से देखें तो भारत में स्थिति अभी अच्छी है. उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि इससे सहज नहीं होना है, सावधान रहना है.