कोरोना संक्रमण की मार से बिहार कराह रहा है. बढ़ते कोरोना संकट के मद्देनजर राज्य का स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम के लिए आगे आया है. बिहार के सभी 1,400 अतिरिक्त और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना टेस्टिंग और वैक्सीनशन का काम शुरू हो रहा है. बिहार के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को कहा कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, टेस्टिंग और वैक्सीनशन के काम में तेजी लाई जा रही है. वैक्सीनशन के लिए 72 फीसदी साइट गांव के लिए रखा गया जबकि शहरों के लिए ये 28 फीसदी होगा.
बिहार में वैक्सीनेशन का काम कई जिलों में डोज खत्म हो जाने की वजह से बंद है. 21 मई से केंद्र से डोज मिलने के बाद उसमें काफी तेजी आएगी. 21 मई से 1 जून के बीच 45 वर्ष से ऊपर वालों के लिए 10.45 लाख तथा 18 वर्ष से ऊपर के लिए 6.89 लाख वैक्सीन केंद्र से मिलेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त और उप स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा स्कूलों में भी वैक्सीनेशन कराया जाएगा.
ग्रामीण इलाकों में 80 हजार आशा वर्करों को लगाया जा रहा है, जो घर-घर जाकर लोगों का ऑक्सीजन लेवल और शरीर के तापमान की जांच करेंगी. साथ ही कोविड प्रभावित मरीजों की देखभाल के लिए 15,000 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी लगाया जा रहा है.
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कोविड App के जरिए होम आइसोलेशन पर निगरानी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को होम आइसोलेशन कोविड ऐप लॉन्च की थी. इस ऐप के जरिये ये पता लग सकता है कि संक्रमण प्रभावित व्यक्ति की क्या स्थिति है, वो आइसोलेशन है कि नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पटना के जिलाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस ऐप की सराहना कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि देश स्तर पर भी इसकी उपयोगिता हो सकती है.
कोविड मृतकों पर रखी जाएगी खास नजर
बिहार में कोविड से मरने वाले लोगों की फिर से पहचान की जाएगी. अगले 10 दिनों में सभी जिलों में सिविल सर्जन के नेतृत्व में 3 सदस्यों की टीम उन लोगों का पता लगाएगी जिनकी मौत कोविड से हुई है लेकिन वो आकड़ों में शामिल नहीं है. उद्देश्य है कि ऐसे मृतकों की पहचान कर उनके परिजनों को सहायता राशि दी जा सके.
बिहार में चलाए जा रहे 432 सामुदायिक किचन
बिहार में अभी 432 सामुदायिक किचन चलाई जा रही हैं, जिसमें 7 लाख से ज्यादा लोग खाना खा चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ वर्चुअल टूर के तहत इन सेंटरों का जायजा लिया है. अब बिहार के सभी 534 प्रखंड में सामुदायिक किचन चलाई जाएंगी. प्रत्यय अमृत ने बताया कि जो लोग आइसोलेशन में हैं, उनके परिजन अपने परिवार के लिए यहां से भोजन ले जा सकते हैं.
बिहार में ब्लैक फंगस के 56 केस
बिहार में ब्लैक फंगस के 56 मामले सामने आए हैं जिनमें 24 का इलाज पटना एम्स में किया जा रहा है. बिहार सरकार कोविड के बेहतर इलाज के लिए पटना के एम्स और आइजीआइएमएस को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगी.
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