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आजतक की खबर का असर: पूर्णिया में खुल गया 6 साल से बंद पड़ा सरकारी अस्पताल, वैक्सीनेशन की भी हुई शुरुआत

पूर्णिया जिले के धमदाहा प्रखंड स्थित अमारी गांव में बंद पड़ा अस्पताल, एक बार फिर से इलाज के लिए खोल दिया गया है. आजतक ने गुरुवार को यहां की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाई थी, जिसके बाद सरकार जागी और इस केंद्र पर वैक्सीनेशन की शुरुआत भी हो गई.

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6 वर्षों से अस्पताल का रुका था उद्घाटन.
6 वर्षों से अस्पताल का रुका था उद्घाटन.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजनीतिक वजहों से अब तक नहीं हो सका था उद्घाटन
  • अमारी गांव में 65 लाख रुपये में तैयार हुआ हॉस्पिटल
  • आजतक ने गुरुवार को प्रमुखता से दिखाई थी खबर

कोरोना काल में बिहार के ग्रामीण अस्पताल बदहाल हैं, जो सरकार की तैयारियों पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. पूर्णिया जिले के धमदाहा प्रखंड के अमारी गांव में 65 लाख रुपये की लागत से 6 साल पहले एक सरकारी अस्पताल बनाया गया था, जिसे आज शनिवार को एक बार फिर शुरू किया गया.

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धमदाहा में इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण साल 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन बीते 6 वर्षों से इसका उद्घाटन तक नहीं हुआ था. आजतक की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ और अस्पताल में टीकाकरण का काम शुरू हो गया.

दरअसल, आजतक ने गुरुवार को खबर दिखाई थी कि कैसे 6 साल पहले बनकर तैयार यह सरकारी अस्पताल राजनीतिक कारणों की वजह से कभी शुरू ही नहीं हुआ. गुरुवार को जब आजतक की टीम इस अस्पताल पर पहुंची थी तो पाया कि इस अस्पताल पर ताला लटका हुआ है. इस अस्पताल का इस्तेमाल ग्रामीण मवेशियों का चारा और गोबर का गोइठा रखने के लिए कर रहे थे.

हैरानी की बात यह है कि इस अस्पताल में बिजली और पानी का कनेक्शन भी है, मगर उसके बावजूद भी अस्पताल पिछले 6 सालों से बंद पड़ा था और इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ. आजतक पर इस खबर को दिखाने के बाद सरकार हरकत में आई और शुक्रवार को सर्किल ऑफिसर समेत अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्थानीय थाना प्रभारी पूरे दलबल के साथ पहुंचे और अस्पताल का पहले तो ताला तुड़वाया, फिर साफ सफाई करवाई.

पूर्णियाः 6 साल से अस्पताल बनकर तैयार, राजनीतिक टकराव की वजह से नहीं हो सका शुरू
 

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उपेक्षित पड़ा था पूर्णिया का यह अस्पताल.

टीकाकरण का कार्यक्रम हुआ शुरू

अब अस्पताल लोगों के लिए खोल दिया गया है. फिलहाल इस अस्पताल में कोरोना के टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि जल्द यहां पर डॉक्टरों की नियुक्ति भी की जाएगी ताकि ग्रामीणों का इलाज हो सके.

गांव के मुखिया वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा, 'मैं आजतक को धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने इस मामले को उठाया. अस्पताल पिछले 6 साल से बंद पड़ा था. आजतक की खबर दिखाने के बाद सरकार ने आज इस अस्पताल का उद्घाटन करवाया. इस अस्पताल के शुरू होने से 4 पंचायत के लोगों को फायदा मिलेगा.'

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