बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) को पूरी तरह से कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. बिहार में जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखते हैं, उनमें से ज्यादातर लोगों को यहीं रखा जाता है. फिलहाल इस अस्पताल में आम बीमारियों का इलाज पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, लेकिन इमर्जेंसी सेवाएं चालू हैं.
एनएमसीएच बिहार का एक बड़ा अस्पताल है, जहां हजारों मरीजों का इलाज होता रहा है. हालांकि कई बार अस्पताल में सुविधाओं की कमी की भी खबर आ चुकी है. हाल के वर्षों में कई बार जल जमाव की स्थिति के कारण यह अस्पताल चर्चा में रहा है. यहां के आईसीयू में मछलियां तैरती नजर आई थीं, लेकिन अब कुछ व्यवस्थाएं ठीक हो चुकी हैं. हालांकि अभी और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है.
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साल 1970 में बने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पाल में 800 बेड हैं. यहां मेडिकल स्टाफ की संख्या करीब 300 है. अभी पिछले हफ्ते ही इसे कोरोना स्पेशलिस्ट अस्पताल घोषित किया गया है. इस अस्पातल में अभी 189 कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया हैं. इनमें से 128 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन इनके सर्दी, जुकाम और बुखार का इलाज चल रहा हैं. इसके अलावा अभी 56 मरीजों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.
NMCH में कोरोना के 5 मरीज
अस्पाताल के अधीक्षक निर्मल कुमार सिन्हा का कहना है कि इस अस्पताल में कोरोना के 5 पॉजिटिव केस हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. अब तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है, जिसके चलते मरीजों के सर्दी, जुकाम और बुखार का इलाज किया जा रहा है.
अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि इसका सबसे अच्छा इलाज आइसोलेशन है. इसलिए सभी मरीजों को अलग-अलग रखा गया है. शुरुआत में मेडिकल उपकरणों की कमी थी, लेकिन पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट आने के बाद डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मरीजों का बेहतर इलाज कर रहे हैं.
अस्पताल में अव्यवस्था का वीडियो हुआ था वायरल
उनका कहना है कि इसी का नतीजा है कि दो पॉजिटिव मरीजों का पहला टेस्ट निगेटिव आया है. हालांकि कुछ दिन पहले इस अस्पताल के एक पॉजिटिव मरीज का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कह रहा है कि अस्पताल में मरीजों का केयर करने वाला कोई नहीं हैं. उसने वीडियो के जरिए अस्पताल की उस जगह को भी दिखाया था, जहां पर वह भर्ती था. उसके वार्ड में पंखा तक नहीं था. उसने खाने-पीने की दिक्कत की भी बात कही थी.
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कोरोना से लड़ने के लिए तैयार हो रहा अस्पताल
अधीक्षक का कहना है कि पीपीई आने के बाद सभी मरीजों की उचित देखभाल हो रही है. अस्पताल कोरोना की महामारी से लड़ने के लिए अभी तैयार हो रहा है. अगर इसने महामारी का रूप ले लिया, तो किस प्रकार इस स्थिति से सामना करना है, इसका भी इंतजाम किया जा रहा है. अभी बिहार में कोरोना के 11 मरीज हैं जिनमें 5 नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पाताल में भर्ती हैं.