ये रईसी की हद है. चांदी के प्रेशर कुकर में चावल पकें. उन्हें खाएं. फिर चांदी के वर्क लगा पान खाएं. और जब पीक थूकने का दिल करें, तो सामने पीक दान भी चांदी के हों, वे भी एक नहीं तीन तीन. अरे भाई घर के किसी भी कोने में थूकने का मन कर सकता है न.
मगर ये रईसी नहीं करप्शन की पीक है. इसे छोड़ा है बिहार के मुजफ्फरपुर में तैनात एक इंजीनियर ने. इनका नाम है अवधेश मंडल. अवधेश बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के पद पर तैनात थे. उनके काले कारनामों की खबर जब बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को लगी, तो छापा मारा गया. इस दौरान अधिकारियों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा के गहने बरामद किए, इसमें डेढ़ किलो सोना, 13 किलो चांदी, हीरे के 15 और प्लैटिनम के 2 गहने मिले.
छापों की चपेट में सिर्फ यही एक इंजीनियर नहीं आए. पिछले दो दिनों में ईओयू ने एक और उन्हीं की तरह के इंजीनियर और एक हाल ही में रिटायर हुए मोबाइल दारोगा को शिकंजे में लिया. इन अधिकारियों के कुल सात ठिकानों पर छापे मारे गए. इस दौरान 50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई. रिटायर्ड दारोगा गिरीश कुमार और उनके परिवार वालों के कुल 25 बैंक खाते भी पता चले हैं.