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मोदीजी के मंत्री ने स्वीकारा- कैशलेस भारत में संभव नहीं

केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह का कहना है कि भारत जैसा देश कभी पूरी तरह से कैशलेस नहीं हो सकता है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कैशलेस मुहिम का मकसद पूरी तरह से कैश का इस्तेमाल खत्म होना नहीं, बल्कि कैश के इस्तेमाल में कमी लाना है.

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केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की फाइल फोटो
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की फाइल फोटो

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केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह का कहना है कि भारत जैसा देश कभी पूरी तरह से कैशलेस नहीं हो सकता है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कैशलेस मुहिम का मकसद पूरी तरह से कैश का इस्तेमाल खत्म होना नहीं, बल्कि कैश के इस्तेमाल में कमी लाना है.

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए पटना में आयोजित डिजी धन मेले में बोल रहे थे. इस मेले में राधामोहन सिंह के अलावा बिहार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अशोक चौधरी ने भी हिस्सा लिया. बिहार सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मकसद कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना था, लेकिन यहां इन दोनों मंत्रियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.

इस डिजी धन मेले के मुख्य अतिथि राधामोहन सिंह ने अपने भाषण में नोटबंदी का स्वागत किया और डिजिटल व कैशलेस पेमेंट व्यवस्था की जमकर तारीफ की तथा इसके फायदे गिनाए. सिंह ने कहा कि 9 नवंबर को नोटबंदी के बाद से 500 से ज्यादा स्टींग ऑपरेशन हुए है, जिसकी वजह से धोखाधड़ी कर रहे कई बैंक अधिकारी आज भी जेल जा रहे हैं.

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केंद्रीय कृषि मंत्री की तरफ नोटबंदी की तारीफ में पढ़े जा रहे ये कसीदे इस मेले में मौजूद बिहार के आईटी मंत्री अशोक चौधरी को रास नहीं आए. उन्होंने नोटबंदी को गलत कदम करार देते हुए कहा कि इसके जरिये देश को आर्थिक गुलाम बनाया जा रहा है.

बिहार में शिक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ शिक्षा के बजट में कटौती करती है और दुसरी तरफ कैशलेस व डिजिटल इंडिया की परिकल्पना करती है. जब लोग पढ़ेंगे-लिखेंगे नहीं, तो फिर इसका उपयोग कैसे करेंगे. इस दौरान मेले में दोनों मंत्रियों के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई कि बीजेपी के कार्यकर्ता बीच में उठकर नारेबाजी करने लगे.

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