scorecardresearch
 

बिहार: बच्चों को COVAXIN की जगह लगा दी कोविशील्ड वैक्सीन, सर्टिफिकेट भी कोवैक्सीन का दे डाला

पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहार शरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं. किशोर पीयूष रंजन ने बताया कि वह कोवैक्सीन का स्लॉट बुक करा सोमवार 10:00 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल गया था. जहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसने टीका लगवाया जिसके बाद पता चला कि उसे और उसके भाई कोवैक्सीन की जगह कोवीशील्ड का टीका दे दिया गया है.

Advertisement
X
देशभर में सोमवार से 15-18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई है.
देशभर में सोमवार से 15-18 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के नालंदा का मामला
  • दो बच्चों को लगा दी कोविशील्ड वैक्सीन
  • कोविशील्ड का बच्चों पर नहीं हुआ अभी तक ट्रायल

बिहार के नालंदा से स्वास्थ विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहां दो किशोर भाइयों को कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन की डोज दे दी गई. जबकि पूरे देश में बच्चों को कोवैक्सीन लगाई जा रही है. कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल भी किया गया है, जबकि कोविशील्ड का बच्चों पर ट्रायल नहीं हुआ है. 

Advertisement

पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहार शरीफ के प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं. किशोर पीयूष रंजन ने बताया कि वह कोवैक्सीन का स्लॉट बुक करा सोमवार 10:00 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल गया था. जहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसने टीका लगवाया जिसके बाद पता चला कि उसे और उसके भाई कोवैक्सीन की जगह कोवीशील्ड का टीका दे दिया गया है.

इसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर के द्वारा बताया गया कि कोविशिल्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी. किशोर के पिता प्रिय रंजन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है. इस मामले में जब वह सीएस कार्यालय गए तो उन्हें डेढ़ घंटे की ऑब्जर्वेशन में रखा गया और यह कह कर भेज दिया गया कि अगर कोई परेशानी होगी तो उनके घर मेडिकल टीम को भेज दिया जाएगा.

Advertisement

माता-पिता को सता रही अनहोनी की चिंता

बच्चों के माता-पिता को अनहोनी की चिंता सता रही है. उन्हें डर लग रहा है कि उनके बेटों को कुछ हो ना जाए. किशोर के पिता ने कहा कि एक तो वैक्सीन देने में लापरवाही बरती गई दूसरा जो सर्टिफिकेट जनरेट किया गया है उसमें भी कोविशिल्ड की जगह कोवैक्सीन ही लिख दिया गया.

टीका लगाने वाला कर्मचारियों को हटाया गया

जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो आनन-फानन में टीका देने वाले दोनों कर्मियों को वहां से हटा दिया गया. उन पर क्या कार्रवाई हुई है, नहीं पता. सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है. टीका देने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. दरअसल जो पूर्व में टीका दे रही थी, वह कोरोना पॉजिटिव हो गई थी. उसी की जगह पर नए जीएनएम के द्वारा यह गलती हुई है. 


 

 

Advertisement
Advertisement