सिमरिया महाकुंभ के तीसरे और अंतिम पर्व (शाही) स्नान ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए. मोटे अनुमान के तौर पर देर शाम तक 30 लाख से अधिक लोगों ने कुंभ स्नान किया. तीसरे पर्व (शाही) स्नान में विशेष रूप से केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे शामिल रहे.
कई सौ वर्षों बाद पुनर्जीवित हुआ सिमरिया महाकुंभ तीसरे और अंतिम पर्व (शाही) स्नान के साथ ही समापन की ओर है. बीते 17 अक्टूबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश भर से जुटे संत-महात्माओं की उपस्थिति में सिमरिया महाकुंभ का विधिवत उद्घाटन किया था. उन्होंने कहा था कि सिमरिया, बेगूसराय और बिहार के लोग संकल्पित हैं तो फिर सरकार भी उनके साथ है.
19 अक्टूबर दीपावली के दिन पहला पर्व (शाही) स्नान हुआ. इसमें लगभग 5 लाख की संख्या में लोग जुटे. इस बीच छठ पर्व में सिमरिया घाट पर लोगों का तांता लगा रहा. 29 अक्टूबर को अक्षय नवमी के दिन हुए दूसरे पर्व (शाही) स्नान में मोटे अनुमान के तौर पर 20 लाख के आसपास लोगो ने गंगा में डुबकी लगाई. 4 अक्टूबर को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 20 लाख से अधिक लोगों ने सिमरिया के पावन तट पर स्नान किया. कार्तिक का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस दौरान प्रतिदिन के हिसाब से लगभग डेढ़ से दो लाख लोगों ने स्नान किया. वैसे तो 5 अक्टूबर को कल्पवास की शुरुआत के साथ ही कुंभ का प्रारंभ मानते हैं. इस तीसरे पर्व स्नान को मिला दें तो अभी तक सवा करोड़ से अधिक लोगों के सिमरिया महाकुंभ में स्नान करने का अनुमान है. 16 नवंबर को ध्वजोत्थान के साथ ही इस संख्या के और बढ़ने का अनुमान है.
तीसरे पर्व (शाही) स्नान में भी द्वादश कुंभ पुनर्जागरण प्रेरणा पुरूष करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज की अगुआई में कुंभ शोभा यात्रा निकली. तीसरे पर्व (शाही) स्नान में विशेष रूप में दिल्ली से पधारे केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे साथ रहे.
कुंभ शोभा यात्रा में कुंभ की शान माने जाने वाले नागा साधु सबसे आगे रहे. पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुटे ये नागा साधु यात्रा में तलवार, भाले, त्रिशूल आदि से करतब दिखाते चले. नागा संन्यासियों का स्नान भी सबसे पहले हुआ. इनके साथ ही नागा साध्वियों का जत्था भी साथ था. नागा संन्यासियों के पीछ दंडी स्वामियों का दल था. इनके साथ ही अलग-अलग रथों पर भारत माता का चित्र, पंच देवताओं का चित्र शोभायमान था.
तीसरे पर्व स्नान को सफल बनाने के लिए कुंभ सेवा समिति और जिला प्रशासन ने पूरा जोर लगाया. कार्तिक स्नान के दिन भगदड़ की घटना और कई किलोमीटर लंबे जाम को देखते हुए और दुरूस्त व्यवस्था की तैयारी की. तीसरे पर्व स्नान के साथ ही सिमरिया का स्थान आदिकुंभ स्थली और देश के पांचवें कुंभ के रूप में देश-दुनिया में प्रमुख रूप से स्थापित हो गया है.