बिहार में नवादा और नालंदा से शुरू हुई साइबर ठगी की कहानी जामताड़ा से होते हुए बेतिया पहुंच चुकी है. साइबर ठग और अपराधी बिहार के हर कोने में अपना ठिकाना बना रहे हैं. आए दिन देश भर के विभिन्न राज्यों से इन साइबर शातिरों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम पहुंचती है. लेकिन स्थानीय पुलिस से सामंजस्य की कमी और भाषा की परेशानी पुलिस के लिए संकट बनकर खड़ा हो जाती है. ताजा मामला बेतिया से सामने आया है, जहां हिमाचल प्रदेश की बरोटीवाला पुलिस 12 लाख रुपये के साइबर ठगी के मामले की जांच करते हुए बेतिया पहुंच गई. जब हिमाचल पुलिस और बेतिया पुलिस की टीम मंशा टोला पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया.
इस घटना में हिमाचल पुलिस की गाड़ी को क्षति पहुंची है और शीशा टूट गया है. मौके पर मौजूद मुफस्सिल थानाध्यक्ष उग्रनाथ झा गंभीर रूप से घायल हैं. दोनों राज्यों की पुलिस महावतटोली में शाहिद उर्फ शमी तथा मंशा टोला के सैफ अली उर्फ बंटी को गिरफ्तार करने पहुंची थी. आखिरकार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और हिमाचल पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड बनाकर उनके अपने प्रदेश ले जाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले में एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि दोनों राज्यों की पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गई. जिसमें दोनों साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया गया है.
इनके पास से पांच एप्पल के फोन बरामद हुए हैं. इस दौरान एक शीशी से हमले की कोशिस की गई. जिसमें थानाध्यक्ष जख्मी हो गए हैं. आठ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
दोनों साइबर शातिरों पर आरोप है कि इन्होंने एक रिटायर्ड फौजी को अपना शिकार बनाया और 25 लाख रुपये की लॉटरी का झांसा देकर उन्हें कई कागज भेजे. उसके बाद जब फौजी को विश्वास हो गया कि लॉटरी की बात सही है. उसके बाद उनसे अलग-अलग खातों में 12 लाख रुपये मंगवाए. बाद में जब फौजी को इस पूरे लूटकांड पर संदेह हुआ, तो उन्होंने साइबर सेल में मामला दर्ज करवाया और हिमाचल पुलिस ने उसकी जांच शुरू की.
पुलिस की मानें, तो साइबर अपराधी लगातार आईफोन का यूज कर रहे थे, जिसकी वजह से उनको ट्रेस करने में दिक्कत आ रही थी. उन्होंने एप्पल प्ले स्टोर से कई ऐप डाउनलोड कर उसका प्रयोग फोन करने के लिए और लोगों को फंसाने के लिए करते थे. और अपनी पहचान को छिपाकर रखते थे.
जब मामले की जांच हिमाचल पुलिस ने शुरू कि, तो उन्हें आईफोन के कई ऐप की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जांच के दौरान पता चला है कि दोनों अपराधी इंडिया के बाहर पाकिस्तान और सउदी अरब के अपराधियों के साथ भी बातचीत करते हैं. उनके मोबाइल में मिले संदेशों को खंगाला जा रहा है. उसे देखने से बता चला कि इन लोगों ने कई तारीखों के दौरान बीस खाते में पैसा मंगवाया है. बाद में जब टीम ने खाते की जांच शुरू की, तो पता चला कि साइबर अपराधियों का ये गैंग बेतिया से चल रहा है.
इसमें गिरफ्तार दोनों आरोपियों के अलावा और भी लोग शामिल हैं. हिमाचल पुलिस से मामले की जांच के लिए हेड कांस्टेबल हेमराज और अमित ठाकुर के अलावा पंकज सिंह और सुखविंदर सिंह के अलावा परविंदर सिंह टीम में शामिल थे. जिन्होंने बेतिया में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.