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राजनीतिक रंजिश के चलते दिया घटना को दिया अंजाम, घायलों में दो दलित भी

बिहार में राजनीतिक विरोध के कारण तीन लोगों के साथ जो हुआ, उसको सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. तीन लोगों को जिनमें दो दलित थे, घोड़े से बांधकर रस्सियों से काफी दूर तक घसीटा गया, इसके बाद उन्हें एक पोल से बांध कर पिस्टल के बट से उनके चेहरे पर वार किया गया.

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बिहार में राजनीतिक विरोध के कारण तीन लोगों के साथ जो हुआ, उसको सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. तीन लोगों को जिनमें दो दलित थे, घोड़े से बांधकर रस्सियों से काफी दूर तक घसीटा गया, इसके बाद उन्हें एक पोल से बांध कर पिस्टल के बट से उनके चेहरे पर वार किया गया.

ये बर्बर घटना सूबे के नवगक्षिया जिले के खैरपुर गांव की है. तीनों घायलों को गांव के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. घायलों की पहचान जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के खरिक ब्लॉक दलित सेल अध्यक्ष बबलू दास, उनके दलित साथी नीरज दास और पार्टी के एक कार्यकर्ता कपिलदेव मंडा के रूप में हुई है.

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जदयू के स्थानीय विधायक नरेंद्र कुमार ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी. सूत्रों के मुताबिक इस घटना को स्थानीय मुखिया के नजदीकी रिश्तेदार अजय यादव ने अंजाम दिया. उसने पहले बाइक से जा रहें इन तीन लोगों के ऊपर गोली चलाई और जब ये बाइक से गिर गए तो यादव और उसके साथियों ने तीनों को घोड़े से बांधा और मुखिया के घर घसीटकर ले गए. यहां इनको एक पोल से बांध कर बहुत बेरहमी से पीटा गया. नवगक्षिया के एसपी शेखर कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी अजय यादव को गिरफ्तार किया जा चुका है. एसपी ने इस घटना का कारण दोनों पक्षों की आपसी रंजिश बताया.

एसपी ने बताया कि घायलों ने यादव के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया है. दूसरी ओर यादव और उसके साथियों ने इन पर आर्म्‍स एक्ट के तहत गैरकानूनी रूप से हथियार रखने का मामला दर्ज कराया है. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि घायलों को घोड़े से बांध कर घसीटा गया था. नरेंद्र कुमार के अनुसार नवगक्षिया के गंगा तटों पर घोड़े पर सवार अपराधियों का अपने विरोधियों को घसीटना आम बात हैं. एसपी ने कहा, घटना के पीछे राजनीतिक रंजिश जिम्मेदार है. आरोपी पहले भी इस तरह की घटना को अंजाम दे चुका है.

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