दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बिहारी में सियासी पारा चढ़ने लगा है. दिल्ली के बाद बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पिछले दो महीने से जारी पोस्टर वार के बाद अब सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.
आरजेडी ने दावा किया है कि जेडीयू के 30 विधायक उसके संपर्क में हैं. तो वहीं जेडीयू ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि कौन विधायक किसके संपर्क में हैं, यह पता लग जाएगा, बजट सत्र शुरू होने दीजिए. ये बयानबाजी जेडीयू के एमएलसी जावेद इकबाल अंसारी की आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से रांची में हुई मुलाकात के बाद शुरू हुई.
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मंत्री नीरज कुमार का तंज
अंसारी पहले आरजेडी में थे, लेकिन साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे जेडीयू में शामिल हो गए. अब इसी साल मार्च में उनका एमएलसी का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ हम कब्रिस्तान घेरने में लगे हैं, शराबबंदी कर पैगंबर की ख्वाहिशों को पूरी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ लोग मॉल के लिए जमीन घेरने वालों से मिल रहे हैं.
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'जाने वाले को कौन रोक सकता है'
नीरज कुमार ने कहा कि जावेद इकबाल अंसारी का कार्यकाल खत्म होने वाला है, इसलिए वो अपनी नई जमीन तलाशने में लग गए हैं. उन्होनें कहा कि हमने तो सम्मान दिया, लेकिन जाने वाले को कौन रोक सकता है. उन्होंने ने आरजेडी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि जिस पार्टी का साल 2019 के लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खुल सका, वो पार्टी जेडीयू के विधायकों के संपर्क में आने की बात कह रही है. ऐसा किस आधार पर कहा जा रहा है, यह समझ से परे है. बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि डूबती हुई नाव पर भला कौन सवारी करता है.
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आरजेडी-कांग्रेस में मचेगी भगदड़: चौधरी
बिहार सरकार के एक अन्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बजट सत्र खत्म होते-होते आरजेडी और कांग्रेस में भगदड़ मचेगी. इन दोनों पार्टियों के कितने विधायक टूटते हैं, यह देखने वाली बात होगी. बता दें कि जेडीयू और आरजेडी, दोनों पार्टियां एक-दूसरे के विधायकों के टूटने का दावा कर रही हैं. वहीं, नाराजगी दोनों दलों के विधायकों में देखी जा सकती है. आरजेडी संगठन में जिन नेताओं को जिम्मेदारियां दी गई हैं, उसे लेकर कई विधायक नाराज हैं. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के विधायक भी पार्टी से संतुष्ट नहीं हैं.