बिहार के चर्चित महागठबंधन टूटने के बाद भी लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तेजस्वी के बाद अब तेजप्रताप यादव भी फंसते नजर आ रहे हैं. मिट्टी घोटाले में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी ने विभाग को भी पूरे मामले में तलब किया है.
माल निर्माण के दौरान चिड़ियाघर से मिट्टी खरीद के मामले में वन एवं पर्यावरण विभाग में नए सिरे से पड़ताल शुरू कर दी है. गौरतलब है कि नई सरकार गठन होने के बाद वन पर्यावरण मंत्रालय उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के पास है और उन्होंने तमाम फाइलों को अपने पास मंगवाया है.
इसी मौके पर सुशील मोदी ने मीडिया से कहा, "मैने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है. अब मैं पहले समीक्षा करूंगा फिर अपनी प्राथमिकताएं तय करूंगा. विकास और भ्रष्टाचार से लड़ाई मेरी पहली प्राथमिकता है. इस सरकार का गठन ही भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ है. भ्रष्टाचार की वजह से ही महागठबंधन टूटा और इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हम किसी को नहीं छोड़ेंगे चाहे वह बेनामी संपत्ति का अपराधी हो या फिर भ्रष्टाचार या काला धन का. यह हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है."
मोदी ने इसके आगे कहा, "विकास के साथ-साथ हम राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी काम करेंगे. हम लगातार अपने काम की समीक्षा के साथ आगे बढ़ेंगे. अगर हमसे कहीं कोई गलती होगी हम उसे ठीक करेंगे. रेत माफियाओं के खिलाफ जांच कराई जाएगी. यह बिलकुल तय है कि मिट्टी घोटाले की जांच कराई जाएगी."
वित्त और पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी ने कहा, "मिट्टी घोटाला बहुत ही छोटा 40-50 लाख रुपए का है. मिट्टी घोटाले के जरिए ही हम जान पाए कि लालू 1000 करोड़ से भी ज्यादा कीमत की बेनामी संपत्तियों के मालिक थे. हम मिट्टी घोटाले से संबंधित फाइलों की समीक्षा कर रहे हैं."
मोदी ने आगे कहा कि उनकी सरकार पटना और आसपास के इलाकों में चल रहे मिट्टी के खनन में जुड़े माफियाओं पर कड़ी मेहनत कर रही है, इसमें कई आरजेडी नेता शामिल हैं. संयोग से, पटना पुलिस ने रविवार को रेत खनन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और इस संबंध में 34 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.