बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने समय से पहले सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था. भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पांडेय की वीआरएस की अर्जी राज्यपाल ने स्वीकार कर ली है. आईपीएस पांडेय के वीआरएस लेने के बाद उनके राजनीति में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
इन अटकलों को गुप्तेश्वर पांडेय के ट्वीट ने भी हवा दे दी है. गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट कर कहा है कि 23 सितंबर को लाइव आकर अपनी जुबानी अपनी कहानी बताएंगे. पांडे का 'मेरी कहानी, मेरी जुबानी' के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव आना उनके सियासत में सक्रियता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आरोपी रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने बिहार पुलिस के मुखिया के वीआरएस पर तंज कसा है. रिया के वकील ने कहा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की ओर से वीआरएस के लिए दायर अर्जी पर 24 घंटे से भी कम समय में फैसला ले लिया. यह ठीक वैसे ही है, जैसे बिहार सरकार ने रिया के खिलाफ एफआईआर सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था और केंद्र ने इसे मंजूरी दे दी थी.
रिया के वकील ने तंज कसते हुए कहा कि यह जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत नहीं, बल्कि जस्टिस फॉर गुप्तेश्वर पांडेय है. गौरतलब है कि गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत केस में बिहार में दर्ज हुई एफआईआर और जांच के लिए पुलिस टीम के मुंबई जाने के बाद चर्चा में आ गए थे.
गुप्तेश्वर पांडेय मीडिया में भी लगातार एक्टिव थे. गुप्तेश्वर पांडेय ने रिया को लेकर कहा था कि उनकी औकात नहीं है कि वो नीतीश कुमार पर टिप्पणी करें. गौरतलब है कि रिया चक्रवर्ती को सुशांत केस में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) गिरफ्तार कर चुकी है.
गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 में भी बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया था. लेकिन टिकट मिला नहीं. उन्होंने वापस सेवा में आने की अर्जी दी, जिसे 9 महीने बाद नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया था. 2009 में जब पांडेय ने वीआरएस लिया था तब वो आईजी थे और 2019 में उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था.