रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बिहार के साथ भेदभाव बरते जाने के आरोपों को नकारते हुए कहा कि केंद्र की कांग्रेस नीत पिछली यूपीए सरकार की तुलना में नरेंद्र मोदी सरकार ने यहां की लंबित परियोजनाओं के लिए अधिक धनराशि दी है. इस दौरान उन्होंने बताया कि दीघा और मुंगेर पुल का काम अगले जून महीने में पूरा हो जाएगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा लोकसभा में गत 26 फरवरी को पेश रेल बजट में बिहार के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था. पटना में मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि बिहार में रेलवे के क्षेत्र में पिछले वर्षों की तुलना में अनेक नए काम स्वीकृत किए हैं और यहां की महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर धन उपलब्ध कराये जाने पर यह स्थिति बन आयी हैं कि वे अब वह समय पर पूरी हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर पटना के दीघा और मुंगेर में बन रहे रेल सह सड़क पुल के लिए जितने धन की आवश्यकता थी उपलब्ध करा दिया गया है. कोसी नदी पर बन रहे एक पुल के लिए भी जितनी राशि की आवश्यकता थी वह दे दी गई है.
बिहार के गंगा नदी पर पटना के दीघा एवं मुंगेर में तथा कोसी नदी पर बन रहे रेल पुल की परियोजना को पूरा करने के लिए धन उपलब्ध करा दिया गया है. मनोज ने कहा कि बिहार में मुख्य काम
मुंगेर में गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल, पटना में गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल, फतुहा-इस्लामपुर के लाईन के दनियावां स्टेशन को बिहारशरीफ से जोड़ना, रक्सौल से नरकटियागंज और बनमनखी
से पूर्णिया तक का आमान परिवर्तन का कार्य शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के रेल बजट में बिहार पर विशेष ध्यान रेल मंत्रालय ने रखा है और अनेक नई परियोजनाएं बिहार में स्वीकृत की गई हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व मध्य रेलवे में 290 किलोमीटर के रेल पथ का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. रेल राज्य मंत्री ने बताया कि कि वर्ष 2015-16 में जयनगर-दरभंगा-नरकटियागंज, भिखनाटोली-रक्सौल-नरकटियागंज रेल खंड तथा गौछारी-नौरंगपुर का दोहरीकरण कार्य को पूरा किया जाना है. मनोज ने बताया कि मोकामा स्थित राजेंद्र पुल आवागमन के लगभग ठप सा हो जाने और उसके दोनों छोड़ पर दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के मद्देनजर वहां दोहरीकृत रेल लाईन का पुल रेल मंत्रालय ने स्वीकृत कर दिया गया है.
भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रेल सह सड़क पुल बनाने की अनुमति प्रदान कर दी है. आगामी अप्रैल महीने में भूतल परिवहन मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद पुल बनाने का फैसला कर लेंगे. मनोज ने बताया कि कुछ दोहरीकरण की परियोजनाएं इस वर्ष बिहार में ली गई हैं जिसमें 720 करोड़ रुपये का 72 किलोमीटर हाजीपुर-बछवाड़ा रेल खंड, 380 करोड़ रुपये का 38 किलोमीटर का समस्तीपुर-दरभंगा, 1230 करोड़ रुपये का 123 किलोमीटर क्यूल-गया रेलखंड शामिल हैं.
मनोज सिन्हा ने कहा कि सोननगर-धनबाद तीसरी लाइन के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है. विद्युतीकरण की कई परियोजनाएं वाल्मीकिनगर-नरकटियागंज, सुगौली-मुजफ्फरपुर, सुगौली-रक्सौल, क्यूल-तिलैया शामिल हैं.
बड़ी परियोजनाओं में आई तेजी
मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्तमान रेल बजट से दीघा और मुंगेर पुल का काम अगले जून महीने में पूरा हो जाएगा और रेल सुरक्षा आयुक्त से अनुमति पाकर उसे प्रदेश की जनता के लिए चालू कर दिया
जाएगा. उन्होंने कहा कि मुंगेर पुल के लिए वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14, 2014-15 के दौरान 114 करोड़ रुपये, 150 करोड़ रुपये, 176 करोड़ रुपये, 301 करोड़ रुपये तथा इस वर्ष 180 करोड़
रुपये दे दिया गया है, जो परियोजना पूरी करने के लिए शेष राशि की आवश्यकता थी. कोसी पुल के लिए भी 25 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
मनोज ने बताया कि धन मुहैया कराए जाने के अगर तुलनात्मक आंकड़ों को देखा जाए तो पटना के दीघा पुल के लिए वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दौरान 157 करोड़ रुपये, 145 करोड़ रुपये, 183 करोड़ रुपये दिए गए और केंद्र में पिछले साल बनी एनडीए सरकार ने 375 करोड़ रुपये और इस वर्ष शेष राशि 300 करोड़ रुपये दिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि लंबित परियोजनाओं को अधिक से अधिक धन उपलब्ध कराकर पूर्ण कर दिया जाए.
उन्होंने बताया कि विभिन्न मदों में पिछले वर्ष की तुलना में अगर नजर डाली जाए तो उसमें भारी वृद्धि की गई है. मनोज ने कहा कि नई रेल लाइन के क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 21.4 फीसदी की वृद्धि हुई है. आमान परिवर्तन में 98.8 फीसदी, दोहरीकरण में 436 फीसदी, यातायात सुविधा के लिए 271 फीसदी, रोड सेफ्टी वर्क्स में 6 फीसदी, ट्रैक रिन्युवल के लिए करीब 36 फीसदी अधिक धन दिया गया. ब्रिज वर्क्स के लिए 44.77 फीसदी, यात्री सुविधा के मद में करीब 150 फीसदी की वृद्धि हुई है. मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में तुलनात्मक आंकड़े पेश किए हैं.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र में नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के बनने के बाद से हमने कोशिश की है कि ऐसी बड़ी परियोजनाओं को बिना किसी राजनीतिक कारण के स्वीकृत किए.’ रेलवे की जमीन का अतिक्रमण किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मनोज ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है. हमारी सीमाएं है. रेलवे सुरक्षा बल हैं, पर बिना राज्य सरकार के सहयोग के इस तरह के अतिक्रमण को सीधे नहीं हटा सकते. कहीं कहीं राज्य सरकारें सहयोग करती हैं. कहीं राजनीतिक कारणों से सहयोग नहीं प्राप्त होता है. पूर्व मध्य रेल सकल आय का लक्ष्य जो 98.75 करोड़ रुपये था और यहां के लोगों ने मेहनत कर लक्ष्य से 15 करोड़ रुपये अधिक 98.90 करोड़ रुपये अर्जित किया है.
- इनपुट भाषा