बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर घर में शौचालय बनाने पर जोर देना शुरू किया है. उन्होंने इसके लिए राज्य के लोगों से कहा है कि वो उसी घर में अपनी बेटियों को ब्याहें, जिस घर में शौचालय हो.
राजगीर में एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने लोगों से कहा कि नब्बे फीसदी बीमारियां खुले में शौच के कारण होती हैं. घर में शौचालय नहीं रहने का सबसे बुरा परिणाम महिलाओं को झेलना पड़ता है.
नीतीश ने कहा कि जब शौचालय हर घर में बन जाएगा, तो नब्बे फीसदी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा और इलाज पर कम खर्च आएगा. नीतीश ने कहा कि शौचालय का निर्माण लोगों को स्वयं कराना है. इसके लिए 10 हजार रुपये की सहायता दिए जाने का प्रावधान है.
शौचालय निर्माण के लिए लाभान्वित को मात्र 900 रुपये लगाना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जीविका समूहों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी लोकार्पण किया. 7329 स्वयं सहायता समूहों के बीच विभिन्न बैंकों के सहयोग से कुल 39.71 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ दिया. उन्होंने कहा कि जीविका स्वयं सहायता समूह को पहली बार 2007 में बिहार के 18 प्रखंण्डों में लागू किया गया था, जो कि अब 293 प्रखण्डों में चलाई जा रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि प्रदेश में 1.7 लाख जीविका समूह का गठन हो चुका है. जीविका स्वयं सहायता समूह की तर्ज पर राज्य में अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी ढाला जायेगा.
नीतीश ने कहा कि मैट्रिक पास लडक़ियों में प्रजनन दर 2 फीसदी है, जबकि राज्य में 12वीं पास लड़कियों की प्रजनन दर 1.6 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.7 फीसदी का है. उन्होंने कहा कि 12वीं पास लड़कियों में कम प्रजनन दर को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने हरेक पंचायत में 12वीं क्लास का स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है.