राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े बहुचर्चित चारा घोटाला केस में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 575 गवाहों के बयान के आधार पर बहस पूरी की है.
चारा घोटाला केस में बचाव पक्ष की ओर से 9 अगस्त को बहस शुरू की जाएगी. बचाव पक्ष के 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस पूरी होगी. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बहुचर्चित चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है, जिसमें सीबीआई की ओर से बहस खत्म हो चुकी है.
दरअसल, इस केस में अवैध निकासी, फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र-विपत्र के जरिए बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था. पशुओं के चारे, दवा और उपकरणों की आपूर्ति के नाम पर अवैध राशि की निकासी की गई थी. पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो, जीप जैसे वाहनों का प्रयोग किया गया था.
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कैसे हुआ था चारा घोटाला?
पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी विभाग के अधिकारी, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और तत्कालीन पशुपालन मंत्री के साथ सांठ-गांठ कर सरकार के राजस्व में बड़ी धांधली बरती गई थी. अब बचाव पक्ष की ओर से लालू यादव समेत अन्य आरोपियों की कुल 27 गवाही दर्ज कराई जाएगी.
37 आरोपियों का हो चुका है निधन
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. सीबीआई ने शुरुआत में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.
575 गवाहों के आधार पर बहस पूरी
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 575 गवाह के बयान के आधार पर बहस पूरी की है. वहीं मामले में बचाव पक्ष की ओर से 9 अगस्त से बहस शुरू की जाएगी, बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस पूरी करेगी.
फैसले की ओर बढ़ रहा घोटाला केस
देवघर कोषागार, दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार के 2 मामले सहित चारा घोटाला के कुल 4 मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव, अब एक और मामले में फैसले की ओर बढ़ रहे हैं. देश के बहुचर्चित चारा घोटाला का यह मामला रांची के डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. इस मामले में कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी.