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बिहार में जहरीली शराब ने पहले आंखों की रोशनी छीनी फिर जिंदगी, जानिए क्या बोले पीड़ित परिवार

बिहार के छपरा में जहरीली शराब ने 9 लोगों की जान ले ली. जहरीली शराब पीने के बाद किसी की आंखों की रोशनी चली गई तो किसी के शरीर में दर्द होने लगा. उन लोगों को जब अस्पताल ले जाया गया, तो इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. छपरा के नोनिया टोला गांव के तीन दर्जन से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पी थी.

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जहरीली शराब से जान गंवाने वालों के परिजन विलाप करते हुए
जहरीली शराब से जान गंवाने वालों के परिजन विलाप करते हुए

छपरा में जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. पटना और छपरा के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे दो और लोगों ने दम तोड़ दिया. जिससे जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 9 हो गई. छपरा के मकेर थाना अंतर्गत नोनिया टोला गांव के तीन दर्जन से अधिक लोगों ने मंगलवार को गांव में चल रहे नाग पंचमी की पूजा के अवसर पर शराब पी थी. 

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कमल महतो के 6 बच्चे हैं

जहरीली शराब किसी एक व्यक्ति को ही खत्म नहीं करती, बल्कि पूरे परिवार को तबाह कर देती है. जहरीली शराब से 
कमल महतो (55) ने अपनी जान गंवा दी, उनकी पत्नी और चार बेटियों सहित 6 बच्चे हैं. कमल महतो दिहाड़ी का काम करते थे. उनकी मौत के बाद परिवार पूरी तरह से सदमे में है.

जहरीली शराब ने ले ली जान

कमल महतो की बेटी रीमा ने कहा कि उनके पिता ने मंगलवार को नकली शराब पी थी, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. रीमा ने कहा कि उनके पिता ने पहले शरीर और फिर सीने में दर्द की शिकायत की. बाद में कहा कि उनकी आंखों की रोशनी भी चली गई. उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, जिसके बाद उन्हें गुरुवार को पटना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

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'पति ने रामानंद मांझी से खरीदी थी शराब'

नोनिया टोला गांव की रहने वाली झनी महतो (52) की भी जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. उनके परिवार में पत्नी, बेटा और बहू हैं. उनकी पत्नी बदामी देवी ने कहा कि उनके पति ने नकली शराब पी थी. जिसे उन्होंने शराब तस्कर रामानंद मांझी से खरीदा था, जो गांव के बाहर लगभग 200 मीटर में एक अवैध शराब निर्माण इकाई चलाता है.

बदामी देवी ने कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद पति की हालत बिगड़ने लगी. पटना के पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.

 

कौन हैं रामानंद मांझी ?

कथित तौर पर मिलावटी शराब का सेवन करने वाले तीन दर्जन से अधिक लोगों में से 9 की मौत हो गई है. उन्होंने रामानंद मांझी से शराब खरीदी थी, जो कि नोनिया टोला गांव के बाहर लगभग 200 मीटर की दूरी पर एक अवैध शराब निर्माण इकाई चलाता है. शराबकांड के बाद स्थानीय लोगों ने छपरा रोड को जाम कर दिया और शराब माफिया के साथ कथित गठजोड़ के लिए पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से रामानंद मांझी पिछले कुछ सालों से उस इलाके में अवैध शराब निर्माण इकाई चला रहा था. गुरुवार देर रात पुलिस ने उसके परिसरों में छापा मारा और मिलावटी शराब बनाने में प्रयुक्त सामग्री की मात्रा बरामद की. घटना के बाद से रामानंद मांझी फरार है. पुलिस रामानंद समेत उसके दो अन्य साथियों की तलाश में जुटी हुई है.

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