बिहार के मुंगेर में सदर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां एक तरफ रोगियों को दवा नहीं मिलती, तो वहीं दवा भंडार के 8 कमरों में रखी करोड़ों रुपये की दवाओं को कचरे में फेंक दिया गया.
वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तीन मजदूर की मदद से हजारों आरएल स्लाइन की बोतलों को नष्ट करवाने में लग गया. दरअसल, इस लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब मुंगेर सांसद सह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने 25 जनवरी को मॉडल अस्पताल बनाने के लिए यहां शिलान्यास किया. उस दौरान वहां पुरानी बिल्डिंग को तोड़ने और साफ सफाई करने के दौरान दवाइयों का ढेर पड़ा मिला था. दवाइयों के साथ-साथ इंजेक्शन और पट्टियां भी वहां पड़ी मिलीं. इनमें से कई ऐसी दवाएं भी थीं, जिनकी एक्सपायरी डेट 2023 से लेकर 2025 तक है. सदर अस्पताल के स्टोर रूम में तीन युवक कुल्हाड़ी एवं काता लेकर एक्सपायरी स्लाइन की बोतलों को नाले में बहा रहे थे. इस बात का पता लगते ही जब मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो तीनों मजदूर कुल्हाड़ी और काता छोड़ कर भाग निकले.
बाहर से मंहगे दामों पर खरीदनी पड़ती हैं दवाएं
सरकार मरीजों के लिए करोड़ों रुपये की दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराती है. लेकिन अक्सर अस्पताल में मरीजों को दवाएं नहीं मिल पातीं. और मजबूरन उन्हें बाहर की दुकानों से ऊंची कीमतों पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं. मुंगेर डीएम नवीन कुमार ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है, जिसकी जांच करवाई जा रही है. जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.