scorecardresearch
 

बिहार में फरवरी से माल परिवहन के लिए ई-वे बिल किया गया अनिवार्य

मोदी ने कहा कि बिहार में माल परिवहन के लिए पहले से लागू सुविधा का ई-वे बिल की व्यवस्था का सरलीकरण कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत परिवहन परमिट के लिए पहले जहां फॉर्म में 26 फील्ड भरने होते थे वहीं अब सिर्फ 8 फील्ड भरने होंगे.

Advertisement
X
सुशील मोदी (फाइल फोटो)
सुशील मोदी (फाइल फोटो)

Advertisement

बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जानकारी दी है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई जीएसटी काउंसिल की 24वीं बैठक में 50 हजार रुपए से अधिक माल के अंतर राज्य परिवहन और राज्य के भीतर दो लाख रूपय मूल्य से अधिक के माल पर ई वे बिल 1 फरवरी से अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है. मोदी ने कहा कि यह व्यवस्था पहले 1 अप्रैल से लागू किया जाना था लेकिन अब इसे 1 फरवरी से लागू किया जाएगा.

मोदी ने कहा कि बिहार में माल परिवहन के लिए पहले से लागू सुविधा का ई-वे बिल की व्यवस्था का सरलीकरण कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत परिवहन परमिट के लिए पहले जहां फॉर्म में 26 फील्ड भरने होते थे वहीं अब सिर्फ 8 फील्ड भरने होंगे. मोदी ने कहा कि निबंधित कारोबारी और परिवहनकर्ता अब कंप्यूटर के अलावा मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए भी आसानी से ई वे बिल जनरेट कर सकेंगे. मोदी ने बताया कि बिहार के अंदर 10 किलोमीटर की दूरी तक माल के परिवहन के लिए ही हे बिल की आवश्यकता नहीं होगी.

Advertisement

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में चेक पोस्ट की व्यवस्था खत्म कर दी गई है जिसके कारण बड़ी मात्रा में बगैर कर प्रतिवेदित मालों की आवाजाही से राज्य को काफी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा था. इस साल जुलाई से अक्टूबर के बीच पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बिहार में करीब 10000 करोड़ से कम माल का परिवहन दर्शाया गया है. मोदी ने कहा कि चेक पोस्ट हटाने और बगैर वैध परमिट के परिवहन के कारण ही सितंबर की तुलना में अक्टूबर में जीएसटी के अंतर्गत 10 हजार करोड़ का कम राजस्व प्राप्त हुआ.

सुशील मोदी ने इस बात को लेकर भी इशारा किया कि कर्नाटक में प्रयोग के तौर पर सितंबर से ही ई वे की व्यवस्था लागू कर दी गई थी जहां प्रतिदिन 1.10 लाख तक ई वे जेनेरेट किए जा रहे हैं. मोदी ने इस बात को लेकर भी आगाह किया कि भले ही अब कोई चेक पोस्ट नहीं होगा लेकिन वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी बीच-बीच में ई वे मेल के जरिए माल के परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए जांच करेंगे.

Advertisement
Advertisement