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कयासों पर लगा विराम, प्रशांत किशोर ने थामा नीतीश की पार्टी JDU का दामन

जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अब सीधे चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला ले लिए. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में किशोर के पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.

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प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अब चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला लिया है. तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए प्रशांत किशोर ने आज नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की आज होने वाली कार्यकारिणी बैठक से पहले उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की सदस्यता दिलाई.

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीतिक तैयारियों को लेकर पटना जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक होनी है. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे.

कुछ दिनों पहले ही प्रशांत किशोर ने राजनीति में आने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि, फिलहाल उनका ऐसा इरादा कोई नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि 2019 में किसी भी पार्टी के लिए उस तरह प्रचार करते नजर नहीं आएंगे जिस तरह से में पिछले 4-5 साल से करते आए हैं.

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प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था. गौरतलब है कि किशोर, 2014 में बीजेपी, 2015 में बिहार में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये काम कर चुके हैं.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से PK के मतभेद की खबरें भी आईं और उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.  इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव और पंजाब में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल ली थी. माना जाता है कि प्रशांत किशोर की रणनीति किसी भी पार्टी के लिए चुनाव में जीत सुनिश्चित करती है. 

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