Ethanol Plant in Bihar: बिहार में इथेनॉल के क्षेत्र के लिए गुड न्यूज है. अब बिहार में कम से कम 17 इथेनॉल की उत्पादन इकाइयों का खुलना अब तय हो गया हैं. बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ लगातार संवाद और कोशिशों का परिणाम मिला है.
राज्य के लिए इथेनॉल का कोटा 18.5 करोड़ लीटर से बढ़कर 36 करोड़ लीटर किया गया है, यानि कुल मिलाकर ये दोगुना हो गया है. 17 इथेनॉल इकाइयों में 3,400 करोड़ का निवेश होगा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों को नौकरी मिलेगी, साथ ही किसानों की आमदनी भी अब बढ़ेगी.
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इस पहल के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा योगदान है. इथेनॉल पॉलिसी बनाने से लेकर केंद्र के गेटवे पर आवेदन करने तक में जो भी परेशानी आई,उसके बारे में उन्हें बताया गया. जिसके बाद उन्होंने आगे बढ़कर मदद की. दिल्ली में अमित शाह , पीयूष गोयल, हरदीप सिंह पुरी हर किसी से बिहार के लिए बात की और नतीजा सामने हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 'किसान पुत्र' हैं और किसानों की आदमनी बढ़े, इसके लिए वो हमेशा फिक्रमंद रहते हैं. उन्होंने कहा कि इथेनॉल उद्योग बिहार और खासकर बिहार के किसानों की जिंदगी का गेमचेंजर साबित होगा.
क्या बोले निवेशक
माइक्रोमैक्स के फाउंडर और इथेनॉल उद्योग के निवेशक राजेश अग्रवाल ने कहा कि बिहार आने से पहले वो डरे हुए थे. लेकिन यहां आने के बाद न सिर्फ उनका डर खत्म हुआ बल्कि,बिहार के बारे में मेरी धारणा भी बदल गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मेरे मित्र बिहार में इथेनॉल क्षेत्र में निवेश करने से रोक रहे थे. मेरी औद्योगिक इकाइयां दक्षिण के राज्यों में भी है,लेकिन बिहार के उद्योग विभाग के अधिकारियों ने जिस तरह से मदद की है,वह कहीं और संभव नहीं है.
कुछ घंटो में लाइसेंस और एनओसी दी गई
इथेनॉल इकाइयां मुजफ्फरपुर, भोजपुर, नांलदा, पूर्णियां, बक्सर, बेगुसराय, मधुबनी, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण और भागलपुर में लगेंगी. उऩ्होंने कोटा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को शुक्रिया कहा. मंत्री ने कहा छोटी दिवाली के दिन बिहार को बड़ा तोहफा मिला है. लेकिन हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं, 'बिहार मांगे मोर'. हमारे यहां 30,382 करोड़ के निवेश प्रस्ताव इथेनॉल उद्योग लगाने के लिए आए हैं.
निवेशकों की दी जाएगी हर संभव मदद
उद्योग मंत्री ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों के टेंडर में बिहार की ज्यादा से ज्यादा प्रस्तावित इकाइयां आवेदन कर सकें, इसके लिए उनके विभाग ने निवेशकों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने कहा कि सभी इकाइयों को उद्योग विभाग द्वारा लाइसेंस और क्लीयरेंस प्राप्त करने में पूरी मदद दी गई है. यही कारण है कि बिहार की ज्यादातर इकाइयां निविदा की शर्तो को पूरा करके चयनित हुई हैं. उन्होंने कहा कि हम दिनों में नहीं बल्कि घंटों में निवेशकों को उद्योग लगाने की स्वीकृति दे रहे हैं. दस्तावेज तैयार करने में भी उनकी मदद कर रहे हैं. उद्योग विभाग द्वारा भविष्य में भी बिहार में उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को हर संभव मदद दी जाएगी.