तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत को जल्द ही गिरफ्तार करेगी. दोनों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं. दोनों के बैंक अकाउंट्स को भी फ्रीज कर दिया गया है.
बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया है. इसमें कुल 42.11 लाख रुपये की राशि है. बिहार पुलिस का कहना है कि इनके SBI के खाते में 3,37,496 रुपये, IDFC BANK के खाते में 51,069 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपये इसके अलावा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपये जमा हैं.
3. मनीष कश्यप के बैंक खातों में उपलब्ध राशि को फ्रीज कराया गया। इनके SBI के खाते में 3,37,496 रु0, IDFC BANK के खाते में 51,069 रु0, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपये तथा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रु0 उपलब्ध हैं।कुल राशि 42,11,937 रुपये है।(3/7)
— Bihar Police (@bihar_police) March 15, 2023
फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप
बता दें कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप है. इस मामले में उस पर पहले से FIR दर्ज है. मनीष का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है. मगर, इस बीच उसके नाम से एक नया अकाउंट (manishkashyap43) बनाया गया और ट्वीट कर दावा किया गया कि बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
इसके बाद बिहार पुलिस ने ट्वीट कर साफ किया था कि मनीष और युवराज को गिरफ्तार नहीं किया गया. वह एक फर्जी पोस्ट था. गिरफ्तारी की अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5/23 दर्ज की थी.
5.मनीष कश्यप के नाम से संचालित @manishkashyap43 Twitter हैण्डल पर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी की एक छवि (PHOTO) पोस्ट करके असत्य, अफवाह जनक एवं भ्रामक सन्देश फैलाकर लोगों को दिग्भ्रमित करने के आरोप में आर्थिक अपराध थाना काण्ड सं0-05/23 अंकित किया गया है। (5/7)
— Bihar Police (@bihar_police) March 15, 2023
मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है
जानकारी के मुताबिक मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था. वह खुद को 'सन ऑफ़ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो 'कश्यप' लगाता है. हालांकि ज्यादातर जगहों पर 'मनीष' लिखता है.
मनीष की शुरुआती शिक्षा गांव से ही हुई. उसने साल 2009 में 12वीं पास की. इसके बाद में महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय से उच्च शिक्षा पूरी हुई. मनीष ने साल 2016 में पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में B.E. की डिग्री ली है. लेकिन इस सेक्टर की नौकरी नहीं की. डिग्री लेने के दो साल बाद यूट्यूब चैनल बनाकर पत्रकारिता करने लगे.
2020 में चुनाव लड़ चुका है मनीष
साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया है. उनकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रहे हैं जिन पर मनीष को बहुत ज्यादा गर्व है.