बिहार के भागलपुर जिले के गांव के रहने वाले किसान ने अपने गांव के सरकारी स्कूल के लिए जमीन दी है. बाढ़ के कारण गांव में बनी सरकारी स्कूल नदी में बह गया था. तब से स्कूल का निर्माण सरकार द्वारा नहीं कराया गया था. गांव के बच्चों को परेशान को देखते हुए किसान ने सरकार को जमीन दान कर दी है.
दरअसल, जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर दियारा बिहपुर प्रखंड में आने वाला कहारपुर गांव स्थित है. गांव कोसी नदी के किनारे बसा हुआ है. साल 2020 में कोसी नदी के जलस्तर में अचानक से बढ़ोतरी आ गई थी, इसके कारण से गांव में बना सरकार स्कूल नदी में बह गया था. इसके बाद से गांव में सरकार द्वारा स्कूल नहीं बनवाया गया. छात्र-छात्राएं गांव में मौजूद एक झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर है. साथ ही कई छात्र दूसरे गांव में मौजूद स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं. इस परेशानी को समझते हुए गांव में रहने वाले किसान सुबोध यादव अपनी 50 डेसिमिल यानी 11 कट्ठा जमीन सरकार को दान दी है, जिससे उस जमीन पर स्कूल का निर्माण कराया जा सके.
मां के कहने पर किसान ने दान की जमीन
कटावग्रस्त इस गांव में स्कूल जब नदी में बह गया था तो अधिकारियों द्वारा स्कूल निर्माण के लिए नई जमीन की तलाश की गई थी, लेकिन उन्हें जमीन नहीं मिल सकी थी. जब यह बात सुबोध की मां चंडिका देवी मालूम हुई तो उन्होंने सुबोध से जमीन दान करने की बात की. रजामंदी होने के बाद स्कूल के निर्माण के लिए डीईओ से कागजी प्रक्रिया पूरा करने के बाद जमीन दान में दे दी गई.
8 लाख रुपये है दान की गई जमीन की कीमत
सुबोध यादव का कहना है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए गांव से दूर दूसरे स्कूल में जाना पड़ता था. अब नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी तो सैकड़ों बच्चों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. सुबोध ने बताया कि दान की जमीन की वर्तमान कीमत 8 लाख रुपए है. सरकारी दाम ढाई लाख रुपए है.
सुबोध की मां के नाम पर होगा स्कूल का नाम
जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि किसान सुबोध का यह कदम सराहनीय है. डीईओ संजय कुमार ने कहा कि जमीन दाता ने स्कूल का नाम अपनी मां के नाम पर रखने का आग्रह किया है. स्कूल का नाम उनकी मां के नाम पर रखा जाएगा.
( भागलपुर से सुजीत सिंह चौहान के इनपुट के साथ )