बिहार में हुए मिट्टी घोटाले की जांच कराने के लिए पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर की गई. जनहित याचिका मणि भूषण कुमार जो कि पेशे से वकील हैं, उनकी ओर से दायर की गई है. इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि मिट्टी घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो या फिर न्यायिक जांच कराई जाए ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.
इस जनहित याचिका में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव के अलावा बिहार सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को पार्टी बनाया गया है.
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में इस बात का उल्लेख किया कि पटना चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बिना किसी वजह के 90 लाख रुपये की मिट्टी खरीदी और चौंकाने वाली बात यह है कि मिट्टी उस जगह से खरीदी गई जिस जमीन पर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें तेज प्रताप यादव सह-मालिक हैं.
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि मिट्टी खरीद के लिए 90 लाख रुपये बिहार वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन फंड के खजाने से दिए गए जो कि गैरकानूनी है.
गौरतलब है कि बिहार वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन फंड के चेयरमैन राज्य सरकार के मुख्य सचिव होते हैं और फिलहाल अंजनी कुमार सिंह इस पद पर है. बिहार वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन फंड किन नियमों के तहत खजाने का पैसा सिर्फ जानवरों के रखरखाव के लिए किया जा सकता है ना की चिड़िया घर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए.
इसी वजह से जनहित याचिका में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को भी पार्टी बनाया गया है. इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी.