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बिहार के कई जिलों में बाढ़, छपरा का राजधानी पटना से टूटा सड़क संपर्क

बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. राजधानी पटना समेत आस-पास के जिलों पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सोन और गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से पटना में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

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पटना में घुसा बाढ़ का पानी
पटना में घुसा बाढ़ का पानी

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बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. राजधानी पटना समेत आस-पास के जिलों पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सोन और गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से पटना में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

बाढ़ के चलते छपरा का पटना से सड़क संपर्क टूट गया है. डोरीगंज के पास नेशनल हाईवे पर पानी बह रहा है. तो छपरा शहर में भी बाढ़ का पानी घुसने लगा है. बिहार में गंगा नदी के किनारे स्थित गांवों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. केंद्रीय जल आयोग ने गंगा के मैदानी भाग में स्थित जिलों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगले पांच दिन में जलस्तर में वृद्धि हो सकती है. राज्य की कई प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

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गंगा के जलस्तर में वृद्धि
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण पानी पटना, बक्सर, भोजपुर, मुंगेर, सारण, वैशाली, भागलपुर और समस्तीपुर जिलों के नदी डूब क्षेत्र में घुस रहा है. बयान के अनुसार, पटना, वैशाली और गोपालगंज जिलों में पहले से तैनात एनडीआरएफ की टीमों को सचेत कर दिया गया है. पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, राज्य में गंगा, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और सोन नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विनय कुमार ने बताया कि शनिवार सुबह छह बजे इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी का जलस्तर करीब 9.94 लाख क्यूसेक था. उन्होंने बताया कि गंगा नदी दीघा, गांधी घाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि पुनपुन नदी श्रीपालपुर में, घाघरा नदी गंगपुर सिसवन (सीवान) और बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान को ऊपर बह रही है.

आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की चेतावनी
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए समुचित संख्या में नावों का प्रबंध करें और राहत शिविर खोलें. जिलाधिकारियों को मोबाइल मेडिकल टीमें तैयार रखने को कहा गया है. विभाग के मुताबिक, पटना में 65 नावों का परिचालन शुरू कर दिया गया है.

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