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लालू यादव का सियासी करियर दांव पर, चारा घोटाला केस में आज होगा फैसला

चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक अदालत कुछ ही देर में अपना फैसला सुनाने वाली है. मामले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद सीबीआई कोर्ट पहुंच चुके हैं.

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लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक अदालत कुछ ही देर में अपना फैसला सुनाने वाली है. मामले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद सीबीआई कोर्ट पहुंच चुके हैं.

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मीडिया को कोर्ट रूम में जाने की इजाजत नहीं. लालू के अलावा अन्य आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व सांसद आरके राणा भी कोर्ट पहुंच चुके हैं.

संयुक्त बिहार में पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में लालू और जगन्नाथ मिश्र के अलावा इस विभाग के मंत्री, दो आईएएस अधिकारी और अन्य कई लोग शामिल हैं. सभी पर झारखंड के चाइबासा जिले के कोषागार से 37.70 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी करने का आरोप है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश पी. के. सिंह घोटाले से संबंधित मामला संख्या आरसी 20 ए/96 में अपना फैसला सुनाएंगे. लालू प्रसाद के वकील ने 17 सितंबर को अपनी दलील पूरी की.

लालू यादव पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 437 ए और 120 बी के तहत केस दर्ज है. भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत भी लालू पर केस दर्ज किया गया है. अगर लालू इन केस में दोषी करार होते हैं, तो उन्हें कम से कम 3 साल और ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है. और दो साल से ज्यादा की सजा की सूरत में लालू की संसद सदस्यता तो जाएगी ही, वो आगे के लिए चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.

चारा घोटाले में कुल 64 केस, जिसमें से 5 लालू पर
1996 में सामने आए चारा घोटाले के कुल 64 केस में से लालू यादव पर 5 केस चल रहे हैं. इनमें से 4 केस की सुनवाई रांची की सीबीआई अदालत में ही चल रही है. फरवरी 2002 से शरू हुए केस के ट्रायल में 19 अक्टूबर 2012 से अंतिम बहस शुरू हुई. इस साल 17 सितंबर को दोनों तरफ की बहस पूरी हो गई सीबीआई के विशेष जज पी के सिंह ने फैसला सुनाने के लिए 30 सितंबर की तारीख मुकर्रर की थी.

सरकार ने ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपील में जाने तक मिल रहे संरक्षण को शीर्ष अदालत द्वारा अवैध करार दिए जाने को निष्प्रभावी करने के लिए अध्यादेश लाया था, लेकिन इस पर विवाद मचने के बाद उसका अस्तित्व में आना संदिग्ध हो गया है.

मामले में 56 लोग आरोपी बनाए गए थे. सुनवाई के दौरान सात आरोपियों की मौत हो गई, दो वायदा माफ गवाह बन गए और एक ने आरोप स्वीकार कर लिया और एक को आरोप मुक्त करार दिया गया.

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न्यायाधीश पी. के. सिंह ने फैसला सुनाने के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की थी और मामले में बचेखुचे 45 आरोपियों को अदालत में हाजिर रहने के लिए कहा था.

लालू को छोड़नी पड़ी थी सीएम की कुर्सी
इस घोटाले में आरोपी बनने के बाद लालू प्रसाद को 1997 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. यह घोटाला 1996 में सामने आया था.

घोटाले से संबंधित 61 में से 54 मामले वर्ष 2000 में पृथक राज्य के रूप में गठित होने के बाद झारखंड स्थानांतरित कर दिए गए. सीबीआई की विभिन्न अदालतें 43 मामलों में अपना फैसला सुना चुकी हैं. लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र पांच मामलों में आरोपी हैं.

 

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