बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव देवघर चारा घोटाला केस में दोषी करार दिया गया है. इस मामले में 3 जनवरी को सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुनाएगी. लालू कोर्टरूम से सीधे रांची जेल भेज दिए जाएंगे. लेकिन इस बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीति तेज हो गई है. आरजेडी ने इसे राजनीति से प्रेरित फैसला करार दिया है. RJD प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि लालू पिछड़ी जाति से हैं इसलिए इस तरह की सजा मिल रही है.
जैसे ही आरजेडी प्रवक्ता ने इसे जाति रंग देने की कोशिश की, ठीक उसी वक्त JDU की ओर से नीरज कुमार ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि लालू को कानून का इंजेक्शन मिला है. लालू ने हमेशा सत्ता का गलत इस्तेमाल किया है. जब बिहार में घोटाले पर घोटाले हो रहे थे तब लालू खामोश थे.
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि लालू किसी राजनीतिक षड़यंत्र का शिकार नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा, 'लालू ने बाबा भोले की नगरी में घोटाले को अंजाम दिया था. शनिदेव का महाप्रकोप लालू को झेलना पड़ा है. अब दूसरे को गाली देने से कुछ नहीं होने वाला है.'
ये है पूरा केस
साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है.
इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था. आज लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले की घड़ी आई है. इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है.