नरेन्द्र मोदी के बिहार में हुंकार भरने में अब 24 घंटे से भी कम वक्त बचा है, लेकिन पटना पूरी तरह मोदीमय हो गया है. बीजेपी नेताओं का उत्साह चरम पर है. माहौल को पूरी तरह 'नमो' के रंग में रंगने की कवायद जारी है.
यही वजह है कि पटना में 'नमो टी स्टॉल' से लेकर 'नमो मुखौटा', 'नमो मेंहदी', 'नमो भजन', 'नमो गीत' सब कुछ दिख रह रहा है. सुर्खियां बटोरने के लिए हर नेता नरेन्द्र मोदी के नाम पर कुछ नया करने की कोशिश में है, पर इस मोदीमय माहौल के बीच पटना के सांसद बिहारी बाबू गायब हैं. बैनर-पोस्टरों से लेकर रैली तक में उनकी गैरमौजूदगी लोगों को चौंका रही है.
पटना का गांधी मैदान सजकर तैयार हो रहा है. एक खास हाइटेक मंच मोदी के लिए तैयार है, तो दूसरा मंच बिहार के नेताओं के लिए होगा. हाइटेक मंच और उसकी सुरक्षा के तमाम इंतजाम पूरे हो चुके हैं. मोदी के काफिले का मॉक ड्रिल भी हो चुका है. गांधी मैदान में शनिवार रात से ही लोगों के पहुंचने का अनुमान है. बिहार के तमाम बड़े नेताओं ने रैली में शनिवार से ही डेरा डाल रखा है. बीजेपी का दावा है कि तैयारियों के लिहाज से यह अब तक की सबसे बड़ी रैली होगी.
कहीं बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं के हाथों में मेंहदी लग रही है, तो कहीं बीजेपी के नेता 'नमो टी स्टॉल' लगाकर मुप्त चाय पिला रहे हैं. कहीं मोटरसाइकिल रैली निकल रही है, तो कहीं गंगा में नावों ने प्रचार हो रहा है. गांधी मैदान में नमो गीत-संगीत अभी से ही बज रहा है, तो कहीं 'नमो' के मुखौटे की धूम है. साफ है बीजेपी कार्यकर्ताओं-नेताओं के लिए 27 अक्टूबर का दिन एक तरफ मोदी को बिहार की ताकत दिखाने का मौका है, तो दूसरी ओर वे इसी ताकत के बहाने नीतीश के हाथ कैंसिल डिनर का बदला भी लेना चाहते हैं.
कई लोगों को आडवाणी कैंप की उपेक्षा खल रही है. पटना के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पोस्टर और होर्डिंग से गायब हैं. हालांकि नेता नहीं मान रहे हैं कि बिहारी बाबू को अलग-थलग किया जा रहा है.
मोदी की रैली रविवार सुबह 11 बजे शुरू हो जाएगी. राज्य के तमाम नेताओं को 11 बजे से 1 बजे तक बोलने का मौका मिलेगा. मोदी 1 बजे पटना पहुंचेंगे और 2 बजे से उनका भाषण होगा. लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि आखिर मोदी की इस रैली का क्या असर पड़ता है.