बिहार कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी संकट के लिए पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के प्रभारी सीपी जोशी को जिम्मेदार ठहराया है. चौधरी ने आरोप लगाया है कि सीपी जोशी एक साजिश के तहत चाहते हैं कि उनके चहेते नेता अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार में कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया जाए.
जब समर्थकों के बीच हुई हाथापाई
सोमवार को पटना में कांग्रेस के कार्यालय सदाकत आश्रम में जिस तरीके से अशोक चौधरी और उनके समर्थकों को कार्यालय में घुसने से रोका गया और जिसके बाद अशोक चौधरी और अखिलेश प्रसाद सिंह गुट के समर्थकों के बीच हाथापाई और मारपीट हुई, चौधरी मानते हैं कि इसके पीछे भी सीपी जोशी का हाथ है.
अशोक चौधरी ने लगाए ये आरोप
सदाकत आश्रम में सोमवार को हुई मारपीट के बाद पत्रकारों से मंगलवार को बात करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि सीपी जोशी पिछले 8 महीनों से उनको प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने की साजिश रच रहे हैं और कई बार उन पर पद छोड़ने का दबाव बनाया. अखिलेश प्रसाद सिंह को भी आड़े हाथों लेते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि अखिलेश प्रसाद सिंह जब आरजेडी में हुआ करते थे तो पानी पी पीकर कांग्रेस को गालियां दिया करते थे लेकिन कुछ साल पहले कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब वह पुराने कांग्रेसियों को ही कांग्रेस की संस्कृति का पाठ पढ़ा रहे हैं.
पार्टी नहीं छोड़ेंगे अशोक चौधरी
हालांकि, बिहार प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान के बीच अशोक चौधरी ने इस बात से इनकार किया है कि वह पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि वह पार्टी में रहकर सीपी जोशी और अखिलेश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं का मुकाबला करेंगे जो कांग्रेस को हाईजैक करना चाहते हैं. चौधरी ने कहा कि सदाकत आश्रम में हुई घटना को लेकर वह जल्द कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और सीपी जोशी की शिकायत करेंगे. अशोक चौधरी ने दावा किया है कि उन्हें कई विधायकों और विधान पार्षदों का समर्थन है. हालांकि, चौधरी के पत्रकार सम्मेलन में कांग्रेस के छह विधान पार्षदों में से 4 मौजूद थे और 27 विधायकों में केवल दो मौजूद थे.