आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को दोबारा जेल जाने पर उनके समर्थकों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है. शहाबुद्दीन के गृह जिला सीवान में इसका विरोध लगातार जारी है. अब शहाबुद्दीन के समर्थकों ने शहाबुद्दीन के जेल जाने के विरोध में मुहर्रम नहीं मनाने का फैसला लिया है.
बैठक में मुहर्रम नहीं मनाने का फैसला
शहाबुद्दीन के समर्थकों ने मोहिउद्दिनपुर गांव में बैठक की और सर्वसम्मति से मुहर्रम में अखाड़ा नहीं उठाने का संकल्प लिया. इस दौरान लोगों ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्तमान सरकार में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इससे पहले भी आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के समर्थकों ने शहाबुद्दीन के जेल जाने पर सीवान की सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और नारे लगाए थे.
पटना हाई कोर्ट ने दी थी जमानत
समर्थक शहाबुद्दीन के जेल जाने से कितने नाराज हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन लोगों ने लालू प्रसाद यादव को ही पार्टी से बाहर निकालने तक का प्रस्ताव पारित कर दिया. गौरतलब है कि आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को 7 सितंबर को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली थी और 11 साल बाद जेल से बाहर आने का मौका मिला था.
सड़कों पर उतरे शहाबुद्दीन के समर्थक
शहाबुद्दीन के बाहर आने से उनके समर्थकों में काफी खुशी देखी जा रही थी, लेकिन सिर्फ 20 दिनों के बाद ही शहाबुद्दीन को फिर से जेल जाना पड़ गया, जिससे समर्थकों को गहरा झटका लगा. शहाबुद्दीन ने जेल से निकलने पर और जेल जाते वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था. शहाबुद्दीन के जेल जाते ही समर्थक सड़कों पर उतर आए और सीवान में जमकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.
बिहार सरकार की हुई थी किरकिरी
शहाबुद्दीन के जेल से निकलने पर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और सरकार पर यह आरोप लगा था कि सरकार की लापरवाही के कारण ही शहाबुद्दीन को जमानत मिली. तब बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट से मिली जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द कर दिया और शहाबुद्दीन को दोबारा जेल भेजा गया.